रीवा. सिंडीकेट बना कर सुरापे्रमियों की जेब में डाका डालने वाले शराब ठेकेदारों पर आबकारी अमले ने टेढ़ी नजर कर ली। जिला आबकारी अधिकारी ने पहले तो सर्किल प्रभारियों के माध्यम से ठेकेदारों को सूचित करवा दिया था कि अब दुकान से शराब एमआरपी से मंहगी न बेची जाये।
कुछ ठेकेदारों ने तो जिला आबकारी अधिकारी की बातें मान ली, लेकिन कुछ ठेकेदारों पर जिला आबकारी अधिकारी का आदेश कोई असर नही पड़ा। मजे की बात तो यह है कि मुद्दत बाद रीवा लौट कर आया सोम कंपनी भी रीवा के शराब ठेकेदारों के बहकावे में आ कर अपने गले में कलेक्टर की नाराजगी का फंदा डाल लिया। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में आबकारी अमले ने जिले की शराब दुकानों को खरीदी करवाई। जिसमें मंहगी शराब बेचते हुये आर्या ग्रुप और सोम कंपनी की मनगवां समूह की शराब दुकान शिकंजे में आ फंसी। बताया गया कि उक्त शराब दुकानों में एमआरपी से ऊंचे दामों पर देशी मदिरा प्लेन और बियर बेचते हुये पाया गया। जिस प्रकरण बनाते हुये सर्किल प्रभारियों ने जिला आबकारी अधिकारी के समक्ष पेश कर दिया है। सूत्र बताते हैं कि जिला आबकारी अधिकारी ने आर्या ग्रुप सहित सोम कंपनी को नोटिस थमाते हुये स्पष्टीकरण मांगा है।
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कलेक्टर कभी भी कर सकते है एक दिन के लिए लाईसेंस निरस्त
सत्र 2022-23 के दौरान जिले में सिंडीकेट बना कर सुरापे्रमियों को लूटने का सिलसिला शुरु हुआ था। तब तत्कालीन जिला सहायक आबकारी उपायुक्त विक्रमदीप सांगर ने ठेकेदारों पर नकेल कसते हुये लगभग आधा दर्जन से ज्यादा शराब दुकानों के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर कलेक्टर न्यायालय में पेश किये थे। जिस पर सुनवाई के उपरांत तत्कालीन कलेक्टर मनोज कुमार पुष्प ने दोषी ठेकेदारों का एक दिन के लिए लाईसेंस निरस्त कर दिया था। बताते चले कि हाल ही आबकारी अमले द्वारा बनाया गया प्रकरण जिला आबकारी अधिकारी द्वारा कलेक्टर न्यायालय में पेश किया जायेगा। कलेक्टर न्यायालय से आर्या गु्रप सहित सोम कंपनी के मनगवां समूह की दुकान का शटर एक दिन के लिए कब गिर जाये यह तो आने वाला भविष्य ही तय करेगा।
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