रीवा. माता-पिता का लाड़-प्यार कहें या फिर उम्र का फंसाना। 16 से लेकर 18 वर्ष के करीब पहुंचने पर घर से बिना बताये निकलने वाली किशोरियों को तलाशने में जिले की पुलिस परेशान है। कोई चार माह बाद मिल रही तो कोई चार दिन में। जिनको लाकर पुलिस परिजनों को सौंप कर उनके चेहरे की खोई हुई मुस्कान लौटाती है।
और पुलिस प्रेस नोट जारी कर बताती है कि अमुक थाना की पुलिस ने किशोरी को दस्तायब परिजनों के सुपुर्द किया है। परिजनों को यह नहीं मालूम कि जिनको तुमने इतनी छूट दे रखी है उनको तलासने के लिए थाना की पुलिस से लेकर सायबर टीम को क्या-क्या न पापड़ बेलने पड़े। मंगलवार के दिन जिले के अलग-अलग थानों की पुलिस ने मशक्कत करने के बाद तीन पापा की परियों को तलास कर उनके सुपुर्द किया है। जिसमें हनुमना पुलिस ने 29 मार्च 23 को घर से निकली किशोरी को पूना महाराष्ट्र से पकड़ कर लाई। वहीं सगरा पुलिस ने 29 मार्च 23 के ही दिन घर से लापता हुई किशोरी को हरियाणा राज्य के जींद जिला अंर्तगत सफीदो थाना क्षेत्र के गांव साहनपुर से तलास कर लाई। इसी प्रकार सेमरिया थाना क्षेत्र से एक सप्ताह पूर्व घर से निकली किशोरी को पुलिस ने दूरभाष के जरिये समझाबुझा कर घर वापस बुलाया।
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जागरुकता अभियान का नहीं दिख रहा असर
ऐसा नहीं है कि पुलिस इस संबंध में बीच-बीच में जागरुकता अभियान चला कर स्कूलों, मोहल्लों में जाकर किशोरियों को समझाईस नहीं देती। लेकिन उसके बाद भी किशोरियों में जागरुकता नहीं आ रही है। और आये दिन किशोरियों के घर से अचानक लापता हो जाने की खबर निकल कर सामने आती है। इससे ऐसा लगता है कि किशोरियों में जागरुता के अभाव के साथ ही कहीं न कहीं उनके परिजनों की भी कमी है।
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