रीवा. कमिश्नर कार्यालय तथा कलेक्ट्रेट के एनआईसी केंद्र में आयोजित वीडियो कॉफ्रेंंसिंग में कृषि उत्पादन आयुक्त वीरा राणा ने रीवा तथा शहडोल संभाग के कृषि आदान की समीक्षा की। कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि रीवा संभाग के सभी जिलों में सहकारी बैंकों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। कलेक्टर बैंकों के कार्यों की नियमित समीक्षा कर उसमें सुधार कराएं। लंबित ऋणों की वसूली के लिए आरआरसी जारी कराएं। हालंकि रीवा तथा सतना में गत वर्षों की तुलना में वसूली बढ़ी है।
इस दौरान कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि किसानों को फसल विविधीकरण के लिए प्रोत्साहित करें। रीवा तथा शहडोल संभाग में किसान मुख्य रूप से धान और गेहूं की फसल पर केंद्रित हैं। यहां के किसानों को बाजार की मांग के अनुसार अनाजों की खेती के लिए प्रोत्साहित करें। सिंगरौली, अनूपपुर तथा रीवा जिले में कृषि विविधीकरण के लिए अच्छे प्रयास हुए हैं। अनूपपुर और सिंगरौली में कोदौ तथा कुटकी की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। बैठक में प्रमुख सचिव कृषि अशोक वर्णवाल, रीवा संभाग के कमिश्नर अनिल सुचारी, कलेक्टर प्रतिभा पाल, संयुक्त आयुक्त नीलेश पारीख, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. सौरभ सोनवण, संयुक्त संचालक कृषि केएस नेताम, कृषि वैज्ञानिक तथा संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
फल व सब्जी उत्पादन की सराहना
रीवा संभाग में फल तथा सब्जियों का अच्छा उत्पादन होने पर आयुक्त ने इनकी सराहना की है। यहां सब्जियों तथा फलों की खेती क्लस्टर में की जा रही है। दोनों संभागों में मसालों, औषधीय पौधों की खेती, आम तथा अन्य फ-सब्जियों के उत्पादन को और बढ़ाया जा सकता है। कहा कि कृषि के क्षेत्र में विकास होने से रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे।
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दुधारू पशुओं की नस्ल सुधार का विशेष अभियान
रीवा संभाग में पशुओं की संख्या बहुत अधिक है। दुधारू पशुओं की नस्ल सुधार का विशेष अभियान चलाया जाना चाहिए। रीवा जिले में 20 हजार लीटर प्रतिदिन दूध ठंडा करने वाला संयंत्र स्थापित किया जा चुका है। अब संभाग में नये मिल्क रूट तथा दूध सहकारी समितियां बनाकर दूध के संग्रहण को बढय़ा जाना चाहिए। रीवा में बसामन मामा गौ अभ्यारण्य में निराश्रित तथा आवारा गौवंशों को रखने एवं वहां गोबर संयंत्र जैविक खेती आदि से जोड़कर अच्छा कार्य किया जा रहा है। रीवा जिले में अभी लम्पी रोग का खतरा बना हुआ है इसके लिए पूरी सावधानी बरते।
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