वीरेन्द्र सिंह सेंगर बबली
रीवा. हनुमना थाना क्षेत्र के ग्राम अमहा वसुदेवा में महिला की हुई अंधी हत्या का आरोपी पुलिस के हाथों लग गया है। इस बात का खुलासा पुलिस कभी भी कर सकती है। सूत्रों की मानें तो सुनीता प्रजापति की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि प्यार में धोखा खाये उसके आशिक ने ही की है। जिसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। गौरतलब है कि गुरुवार के दिन अपने ही घर के पीछे सुनीता प्रजापति मृत अवस्था में मिली थी। जिस पर पुलिस ने हत्या का अपराध दर्ज कर घटना को अपने संज्ञान में ले लिया था।
पांच माह पूर्व हुई थी युवती की शादी
युवती की शादी पांच माह पूर्व ही हुई थी जो अपनी ससुराल से छह दिन पहले ही मायके आई थी। जिसका इंतजार उसका आशिक बेसब्री से कर रहा था। उसे जब पता चला कि उसकी माशूका मायके से आई तो वह देवतालाब थाना क्षेत्र के पैपखरा गांव से प्रेमिका के गांव जा पहुंचा और रात अपनी मौसी के घर में रुका। बताया जाता है कि रात भर आशिक अपनी माशूका से मिलने के लिए तड़प रहा था लेकिन माशूका उससे मिलने नहीं पहुंची। आरोपी के दिल में प्रेमिका के प्रति नफरत जाग उठी और सुबह का इंतजार करता रहा। उसे मालूम था कि जिसके प्यार में वह यहां तक खिंचा चला आया वह सुबह तेंदू पत्ता तोडऩे जाती है। जैसे ही युवती सुबह उठ कर अपने घर के पीछे पहुंची तो घात लगाकर बैठा आशिक उसे दबोच लिया। दोनों के बीच खींचा-तानी चली इसी बीच आशिक के हाथ मासूका के गर्दन में जा लगे और दोनों हाथ से उसका गला घोंटते हुये अपने प्यार का खूनी इतिहास लिख डाला।
लॉकडाउन के दौरान दोनों के बीच हुआ था प्यार
सूत्र बताते है कि आरोपी और युवती के बीच लॉक डाउन के दौरान प्यार हुआ था। लॉकडाउन में आरोपी अपनी मौसी के घर गांव अमहा वसुदेवा आया हुआ था। एक-दूसरे के पड़ोसी होने से दोनों के बीच बातचीत शुरु हुई जो प्यार में तब्दील हो गई। दोनों ने अपने-अपने मोबाइल नबंर आदान-प्रदान किये और प्रेमवार्ता शुरू कर दिये। लंबे समय से चले आ रहे प्रेम प्रसंग पर आशिक को झटका उस वक्त लगा जब पता चला कि उसकी मासूका की शादी तय हो गई। बेबस आशिक चाह कर भी कुछ न कर सका और उसकी प्रेमिका डोली मं सवार होकर अपने पीहर के घर चली गई। जिसके लौटने का इंतजार आशिक कर रहा था। बताया जाता है कि वारदात के एक दिन पहले ही आरोपी अपनी मौसी के घर पहुंचा था और वारदात को अंजाम देकर अपने गांव लौट आया। जिसे पुलिस की टीम ने तलाश कर दबोच लिया। इस धरपकड़ में थाना प्रभारी हनुमना चेतन मर्सकोले के साथ ही लौर थाना प्रभारी केपी त्रिपाठी की अहम भूमिका बताई जाती है।
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