वीरेन्द्र सिंह सेंगर, बबली
रीवा. शराब दुकान निष्पादन में आबकारी विभाग में लगी सहकारी बैंक गारंटी की हवा ने तूल पकड़ लिया है। जो आगे चल कर आंधी का रूप ले लेगी। हवा के झोंके ने सहकारी बैंक मोरवा के मैनेजर नागेंद्र सिंह को हिला कर रख दिया। आने वाली आंधी में रीवा संभाग की कई शराब दुकान के लाईसेंसी धराशाई हो सकते है। इतना ही नहीं आबकारी विभाग में बैठे खिलाडिय़ो के सिर पर गाज गिर सकती है। जिनकी वजह से शासन का करोड़ों रूपये अधर में लटक गये हैं। यह अलग बात है कि आबकारी अमला ठेकेदारों से अलग से बैंक गारंटी जमा करवा रहा। जिसमें से कुछ लोगों ने जमा कर दिये लेकिन कुछ ऐसे भी है जो बैंक गारंटी जमा करने में असमर्थ हैं। सूत्रों की बातों पर यदि भरोसा करें तो सीधी कलेक्टर साकेत मालवीय ने मोरवा सहकारी बैंक के मैनेजर नागेंद्र सिंह चौहान को सोमवार की देर शाम निलंबित कर दिया है। जिसका आदेश मंगलवार के दिन कलेक्टर कार्यालय सीधी से बाहर निकल कर आने की संभावना बताई गई है। इतना ही नहीं सहकारी बैंक मोरवा के मैनेजर नागेंद्र सिंह के विरुद्ध विभागीय जांच भी शुरू की जा रही है। जिसमें बैंक गारंटी में किये गये खेलों का खुलासा होने की संभावना हैं। शराब दुकानों में लगी बैंक गारंटी एक ओर जहां बैंक मैनेजर नागेंद्र सिंह के गले का फांस बन गई वहीं दूसरी ओर जिला आबकारी अधिकारियों की भी धड़कने बढ़ी हुई है। वाणिज्यकर विभाग मंत्रालय के प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी ने उप सचिव को जांच के लिए आदेश भी दे दिये है। इस संबंध में जिला आबकारी अधिकारियों से समस्त जानकारी लेकर 15 जून को भोपाल में उपस्थित होने का फरमान भी 9 जून को आबकारी विभाग के संभागीय कार्यालय में पहुंच गया था। बताया जाता है कि संभाग के जिला आबकारी अधिकारियो की ओर से दी गई सफाई का पुलिंदा लेकर आबकारी विभाग के संभागीय उपायुक्त भोपाल उप सचिव के समक्ष गये थे।
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क्या कहते हैं जिम्मेदार अधिकारी
आबकारी विभाग में तो जैसे सांप सूंघ गया हो। रीवा जिले के जिला आबकारी अधिकारी ने जबाव देने के बजाय मोबाइल नबंर ही ब्लैक लिस्ट में डाल रखी है। वहीं दूसरी ओर संभाग की जिम्मेदार अधिकारी संभागीय उपायुक्त फोन उठाना ही मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। इतना ही नहीं रीवा का प्रभार लेकर अधिकांश समय भोपाल में ही व्यतीत करते है। उनका रीवा आना केवल मासिक बैठक में ही होता है। शायद यही वजह से कि संभाग के जिला आबकारी अधिकारी मनमानी पर उतारू होकर शासन को राजस्व क्षति पहुंचाने का बीड़ा उठा रखा है।
फाइल लेकर कलेक्टर कार्यालय आया हूं। प्रारंभिक तौर पर तो मोरवा के बैंक मैनेजर को निलंबित किया जा रहा है। नियमों को दरकिनार कर 10 करोड़ 65 लाख रूपये की 9 बैंक गारंटी जारी किये गये है। निलंबन के बाद जांच की जायेगी और जो भी तथ्य निकल कर सामने आयेंगे उस पर विचार किया जायेगा।
केसी शर्मा, सीईओ जिला सहकारी बैंक सीधी
निलंबन आदेश का इंतजार कर रहे है। कभी भी आ सकता है। रही बात बैंक गारंटी की तो बिना सर्च रिपोर्ट के बैंक गारंटी जारी कर दी थी। जिसे बाद में फाइल में लगाया है।
नागेंद्र सिंह चौहान, मैनेजर सहकारी बैंक मोरवा
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