नई दिल्ली. अगले शिक्षा सत्र यानी 2024 से बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित होंगी। छात्र-छात्राओं को दोनों ही परीक्षाओं में से सर्वश्रेष्ठ अंक हासिल करने का मौका होगा। इसके साथ ही 11वीं-12वीं में विद्यार्थियों को दो भाषाओं में अध्ययन करना जरुरी होगा। जिनमे से एक भाषा भारतीय होनी चाहिए। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय (Union Ministry of Education) ने बुधवार को नई शिक्षा नीति (new education policy) के तहत मौजूदा शिक्षा प्रणाली में बड़े बदलाव की घोषणा की गई। अगले सत्र के लिए पाठ्य पुस्तकें भी तैयार की जाएंगी। नए पाठ्यक्रम का जो ढांचा तैयार किया जा रहा है उसके तहत बोर्ड परीक्षाएं कोचिंग और रट्टा लगाने की क्षमता के बजाय विद्यार्थियों में समझ व दक्षता स्तर बढ़ाने पर जोर दिया गया है। पाठ्यक्रम के नए ढांचे के तहत 11वीं-12वीं में स्ट्रीम चुनने की बाध्यता समाप्त कर दी गई है। छात्र-छात्राओं को अपने पसंदीदा विषय चुनने की आजादी होगी। अभी सभी बोर्डों में विद्यार्थियों को साइंस, कॉमर्स, आर्ट्स, वोकेशनल में एक का चयन करना होता है।
एनसीईआरटी ने बनाईं 2 कमेटी
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा निरीक्षण (National Curriculum Framework Monitoring) व एनएसटीसी समिति की संयुक्त कार्यशाला (joint workshop) में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Union Education Minister Dharmendra Pradhan) ने कहा कि, कस्तूरीरंगन के मार्गदर्शन में संचालन समिति ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (new education policy) के लिए पाठ्यक्रम (Syllabus) बनाया। इसे एनसीईआरटी (NCERT: National Council of Educational Research and Training) को दिया है। एनसीईआरटी ने राष्ट्रीय निरीक्षण समिति (National Inspection Committee) व राष्ट्रीय पाठ्यक्रम व पाठ्यपुस्तक समिति (एनएसटीसी) बनाई हैं।
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