रीवा . मध्यप्रदेश के रीवा शहर में आदिशंकराचार्य द्वारा बीहर नदी के तट पर 818 ईस्वी में स्थापित भारत के पांचवे मठ के तौर पर मान्य पचमठा आश्रम एवं इसके परिसर के पुर्नरूद्वार कार्य का लोकार्पण वैदिक रीतियों के अनुसार पूजन अर्चन कर किया गया। प्रदेश के केबिनेट मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने स्वामी कृषि कुमार की तपो स्थली आध्यात्मिक एवं ऐतिहासिक पचमठा आश्रम के पुर्नरूद्वार कार्य का लोकार्पण किया। इस दौरान सांसद जनार्दन मिश्र, विधायक सेमरिया केपी त्रिपाठी, कमिश्नर रीवा संभाग अनिल सुचारी एवं बड़ी संख्या में साधु एवं संत उपस्थित रहे।
शंकराचार्य ने देश को एकता के सूत्र में पिरोया
इस अवसर पर राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि धार्मिक स्थलों के पुनरूद्वार के साथ ही रीवा के विकास का मार्ग प्रशस्त होता है। आज का दिन रीवा के लिये गौरव का दिन है जो सदैव अविस्मरणीय रहेगा। शुक्ल ने कहा कि भारत में सनातन धर्म की चर्चा आदिशंकराचार्य जी के स्मरण से ही होती है। उन्होंने देश को एकता के सूत्र में बांधने का कार्य किया। भारत के चारों दिशाओं में उनके द्वारा पीठों की स्थापना की गई। रीवा की धरती को भी उन्होंने पवित्र कर दिया जब वो यहां आये और इस पचमठा आश्रम में उनका प्रवास हुआ। शुक्ल ने बताया कि रीवा के पचमठा आश्रम में चारों मठों की प्रतिकृतियों के इतिहास को दर्शया गया है। साथ ही उनके पीठाधीश्वर का भी इतिहास यहां अंकित है। इस दौरान शुक्ल ने पांचवे मठ पचमठा के इतिहास के साथ तपस्वी स्वामी ऋषि कुमार जी का भी जिक्र किया। शुक्ल ने कहा कि संक्रमण काल में भी रीवा में संस्कृत भाषा को बचाने का कार्य हुआ और यहां के संस्कृत विद्वानों की संपूर्ण भारत में ख्याति रही है।
रीवा में संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित होगा
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रीवा में संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित करने की भी बात कही है। शुक्ल ने बताया कि बीहर नदी के किनारे बनाये जा रहे रिवर फ्रंट के तट पर पचमठा आश्रम का लोकार्पण आज हुआ। संपूर्ण निर्मित रिवर फ्रंट का लोकार्पण 30 सितंबर को किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पचमठा परिसर का रखरखाव नगर निगम की देखरेख में होगा।
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