भोपाल. परिजनों के खिलाफ जाकर इसाई युवक के साथ प्रेम विवाह करने वाली युवती पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। शादी के बाद दस साल तक महिला खामोश से प्रताड़ना सहते हुए अपने बच्चों की परवरिश करती रही। लेकिन पिछले दिनों ससुराल वालों ने उस पर जानलेवा हमला कर दिया। जिसके बाद वह जान बचाकर बच्चों के साथ गोविंदपुरा थाना पहुंची। जहां टीआई ने पूरा घटनाक्रम जानने के बाद आरोपी पति और उसके परिजनों पर मामला दर्ज किया गया है।
महिला ने थाने पहुंचकर सुनाई व्यथा
34 साल की पीड़िता के मुताबिक वह पति पी नागराज के साथ अवधपुरी की एक कॉलोनी में रहती थी। दस साल पहले 6 दिसंबर 2013 को उसने पी नागराज से कोर्ट मैरिज की थी। दोनों पहले एक गैस एजेंसी में काम करते थे। पति सिलेंडर बांटता और वह कम्प्यूटर ऑपरेटर थी। वहीं दोनों में प्रेम हुआ। शादी से पहले तक पति का व्यवहार बहुत अच्छा था। हर हाल में साथ निभाने का भरोसा दिलाता था। शादी के बाद हम दोनों में अपने-अपने धर्म को फॉलो करेंगे इस बात पर भी सहमति बनी थी। लेकिन शादी के पहले पी नागराज ने शर्त रख दी कि शादी के लिए उसे ईसाई धर्म को अपनाना होगा।
पीड़िता के मुताबिक उस वक्त वह उसके प्यार में बेहद पागल थी, इसलिए धर्म बदलकर शादी कर ली। पहले कोर्ट मैरिज की और फिर जब उसके घरवालों ने उसे अपना लिया तो एक छोटा सा फैमिली प्रोग्राम हुआ। कुछ समय तक सब ठीक चलता रहा, आठ साल पहले उसने बेटी को जन्म दिया। बेटी के जन्म के बाद से सास ताना मारने लगी। सास ताने देकर एहसास कराती थी कि वह अशुद्ध हूं। जबकि वह पूरी ईमानदारी के साथ ईसाई धर्म का पालन कर रही थी।
ससा का कहना था कि, वह उनके परिवार की तरह नहीं है। नॉनवेज नहीं खाती थी, जबरन इसे खाने का दबाव बनाया गया। एक शाम घर लौट रही थी, तभी आईएसबीटी पर एक परिचित दिखे, जिनसे बातचीत होने लगी। यह पति ने देख कर और वह सरेराह बेरहमी से पीटा। मेरी आंख को भी फोड़ने का प्रयास किया। आंख और सिर में कई चोटें हैं। पति ने बेरहमी से सरेराह वार किया। जिसे देख राहगीरों ने मेरी जान बचाई।
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