रहिये अपडेट, रीवा। सहकारी विभाग में निरीक्षक के पद पर तैनात रहे लीला बिहारी तिवारी को रिश्वत लेने के मामले में विशेष न्यायालय ने चार वर्ष के कठोर कारावास और पांच हजार रुपए के अर्थदंड की सजा से दंडित किया है। आरोपी सहकारी निरीक्षक ने शिकायतकर्ता ममता श्रीवास्तव से पर्यावरण महिला उद्योग सहकारी समिति मर्यादित रीवा की ऑडिट करने के लिए 12 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी। इस पर लीला बिहारी तिवारी को 22 फरवरी 2014 को 2500 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था।
लोकायुक्त रीवा में पंजीबद्ध प्रकरण
लोकायुक्त रीवा में पंजीबद्ध भ्रष्टाचार के प्रकरण में विशेष न्यायालय रीवा द्वारा पारित निर्णय में आरोपी लीलाबिहारी तिवारी, तत्कालीन सहकारी निरीक्षक कार्यालय सहायक पंजीयन सहकारी संस्थाएं जिला रीवा हाल सेवानिवृत्ति को धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2 हजार रुपए के अर्थदंड तथा धारा 13(1) डी एवं 13(2) पीसी एक्ट 1988 में 4 वर्ष सश्रम कारावास और तीन हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
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