रहिये अपडेट, बाजार। दिवाली की खरीदारी में लोग पूरे जोर-शोर से जुट गए हैं। बाजार सजावटी सामानो सहित अन्य चीजों से पटे हैं। खास बात यह है कि लोग पारंपरिक तरीके से सजे हुए दीये ज्यादा ले रहे हैं। त्योहार में दुकानों पर मिलने वाली मिठाइयों सहित अन्य फ़ूड प्रोडक्ट्स में इस बार सेहत का खास ध्यान रखा जा रहा है। लोग देसी चीजों को ज्यादा महत्व दे रहे हैं। गिफ्ट हैम्पर, चॉकलेट, मिठाइयां, ब्राउनी और शुगर फ्री प्रोडक्ट्स खरीद रहे हैं। इसके साथ लोग प्रियजनों को गिफ्ट करने के लिए एंटीक शो पीस भी खरीद रहे हैं।
सोहन पपड़ी के बिना तो हर त्यौहार अधूरा
देसी घी की खूशबू और इलायची की सुंगध के साथ बिना खाए ही मन को मीठा कर देने वाली सोहन पपड़ी के बिना तो हर त्यौहार अधूरा है। लेकिन इस मिठाई को इन दिनों सोशल मीडिया पर बदनाम करने की कोशिश हो रही है। इसकी जगह बहुराष्ट्रीय कंपनियां चॉकलेट, टॉफी या अन्य कन्फैक्शनरी आयटम्स परोसने की तैयारी कर रही है, लेकिन देसी मिठाइयों के दीवाने भी कम नहीं हैं। सोशल मीडिया में भारतीय संस्कृति की पहचान सोहन पपड़ी के पक्ष में भी कई तर्क देने वालों की कमी नहीं है।
सोहन पपड़ी पर उमड़ा प्यार
जानकारों का मानना है कि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में दिवाली की बड़ी भूमिका होती है। दिवाली पर घरों में मिठाइयां भी बनती हैं। लोग सोहन पपड़ी भी खूब खरीदतें हैं। इसी को देखते हुए कुछ कंपनियां चॉकलेट को देसी मिठाइयों की जगह दिलाने की साजिश की है। लेकिन यह चल सफल होती नहीं दिख रही है। क्योंकि सोहन पपड़ी के प्रति लोगों का प्यार कम करना आसान नहीं है। एक अनुमान के मुताबिक देश में मिठाई बाजार करीब 70 हजार करोड़ रुपए का है। वहीँ प्रदेश में 5000 करोड़ का बाजार है, जिसमे से 50 करोड़ रुपए से भी ज्यादा की सोहन पपड़ी बिकती है।
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