रहिये अपडेट, सागर। मध्यप्रदेश के सागर जिले में एक परिवार को नहाते समय शैंपू लगाना मंहगा पड़ गया। शैंपू से दो महिलाओं और दो बच्चों की आंखों में इन्फेक्शन हो गया। मामला जिले के रहली क्षेत्र के कासल पिपरिया गांव का है। पहले मरीजों की आंखों में जलन शुरू हुई और जब शाम को लाइट जलीं, तो सभी को नीला-पीला नजर आने लगा। परिजन पहले उन्हें रहली में निजी व सरकारी अस्पताल ले गए, किंतु आराम नहीं मिला, तो मंगलवार सुबह बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज (बीएमसी) लेकर पहुंचे। जानकारी के मुताबिक कासल पिपरिया गांव में रहने वाली नत्थी बाई (70) बतीबाई (50), उमा लोधी (09) और प्रताप लोधी (07) ने रविवार को नहाते समय शैंपू लगाया था। परिजनों के मुताबिक शैंपू किराना दुकान से ली थी।
शैंपू का उपयोग ऐसे हो सकता है घातक
जानकारी के मुताबिक शैंपू में सोडियम लौरिल सल्फेट और सोडियम लौरेथ सल्फेट जैसे रसायन होते हैं। इसमें थैलेट एस्टर भी होता है। रिसर्च के अनुसार, थैलेट के कारण कैंसर तक होने की आशंका रहती है और किडनी और फेफड़े भी डैमेज भी हो सकते हैं। इसके अलावा इससे प्रजनन क्षमता पर भी प्रभाव पड़ता है। शैंपू का मुख्य घटक डिटर्जेंट है। यह आपकी पलकों के श्लेष्म ऊतकों में कोशिका झिल्ली को बाधित करके आंखों में जलन पैदा कर सकता है। इसलिए शैंपू आंखों में चला जाए, तो इसे तुरंत धोना चाहिए। यदि शैंपू आंखों में चला जाए, तो धुंधलेपन की शिकायत हो सकती है।
बीएमसी में भटकते रहे मरीज
बताया गया है दो दिन से तड़प रही महिलाओं और बच्चों को मंगलवार सुबह बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज (बीएमसी) ले जाया गया, लेकिन चिकित्सकों ने ध्यान नहीं दिया। परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों ने चेक तक नहीं किया। दोपहर दो बजे ही ओपीडी में ताला लगाकर सब लोग चले गए। इस दौरान परिजन भटकते रहे, शाम को सभी को वार्ड में भर्ती कराया गया। वहीँ बीएमसी के अधीक्षक डॉ. रमेश पांडे के मुताबिक मरीजों को भर्ती किया गया है उनका उपचार किया जा रहा है। फिलहाल उनकी हालत ठीक है।
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