रहिये अपडेट, रीवा। बालाघाट की घटना के बाद मध्यप्रदेश में डाक मत पत्रों को लेकर उम्मीदवारों में चिंता है। ऐसे में रीवा में भी प्रत्याशियों ने चिंता जाहिर करते हुये मतगणना से जुड़ी सारी प्रक्रिया निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार करने की मांग ही है। डाक मतपत्रों की पेटियां खोलने से पहले सभी प्रत्याशियों को सूचना दी जाये साथ ही उनके प्रतिनिधियों के सामने ही उन्हें खोला जाए। मऊगंज से कांग्रेस प्रत्याशी सुखेन्द्र सिंह के प्रतिनिधि विनोद शर्मा ने कहा है कि डाक मत पत्रों को निर्धारित प्रक्रिया के तहत ही खोला जाए और उनकी गिनती के दौरान भी प्रत्याशियों के प्रतिनिधियों को संतुष्ट कराया जाए। मनगवां से कांग्रेस प्रत्याशी बबिता साकेत और भाकपा प्रत्याशी लालमणि त्रिपाठी ने भी यही मांग उठाई है। सिरमौर से कांग्रेस प्रत्याशी रामगरीब वनवासी ने भी कहा है कि पारदर्शी व्यवस्था मेंं प्रशासन को कार्य करना चाहिए। वहीं रीवा से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी दीपक सिंह ने कहा है कि निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के मुताबिक मतगणना की प्रक्रिया अपनाई जाना चाहिए, यदि प्रशासन मनमानी करनेगा तो विरोध होगा।
बालाघाट का वायरल हुआ वीडियो
बतादें कि बालाघाट में प्रत्याशियों को बिना बुलाए ही डाक मतपत्रों को पेटी से बाहर निकालने का वीडियो वायरल हुआ है, जिसके बाद प्रक्रिया पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस घटना के बाद रीवा में भी प्रत्याशियों ने चिंता जाहिर की है। जिसके बाद अब प्रशासन ने तय किया है कि सभी प्रत्याशियों को सूचित किया जाएगा कि तीन दिसंबर को मतगणना के दिन मत पत्रों की पेटियों को खोलने के दौरान अपने प्रतिनिधि भेजें। उसी दिन रीवा और मऊगंज जिलों की सभी आठ सीटों के रिटर्निंग आफिसर को उनके विधानसभा क्षेत्र के मत पत्र सौंपे जाएंगे। जो इंजीनियरिंग कालेज में मतगणना के दौरान इनकी गिनती कराएंगे।
सीसीटीवी डिस्प्ले बंद होने पर भी सवाल
बतादें कि रीवा में इंजीनियरिंग कालेज में स्ट्रांग रूम बनाया गया है। जहां पर वोटिंग के बाद रीवा एवं मऊगंज दोनों जिले की सभी सीटों के ईवीएम रखी गई हैं। यहां पर विभिन्न पार्टियों के प्रतिनिधि निगरानी कर रहे हैं। स्ट्रांग रूम और परिसर के दूसरे हिस्सों की स्थिति बताने के लिए यहां पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसका डिस्प्ले कालेज के मुख्य द्वार पर लगाया गया है, जहां पर प्रत्याशियों के प्रतिनिधि निगरानी कर रहे हैं। लेकिन कई बार डिस्प्ले बंद होने की वजह से सवाल उठाए जा रहे हैं।
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