रहिये अपडेट, रीवा। स्कूलों में छात्रों की पढ़ाई इन दिनों खूब प्रभावित हो रही है। प्रशासन द्वारा चुनावी कार्यों में आचार संहिता लगने से पहले ही तैयारियां शुरू कर दी गई थी, जिसके लिये शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई थी। अब सरकारी स्कूलों में छह दिसंबर से हाईस्कूल और हायर सेकंडरी की अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। लेकिन प्रढ़ाई पभावित होने से छात्रों का कोर्स अधूरा रह गया है। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि परीक्षा के हिसाब से कोर्स पूरा कराएं। आवश्यकता पड़े तो विशेष कक्षाएं भी लगायें। इस बीच लगातार छुट्टियां भी पड़ती जा रही हैं। ऐसे में शिक्षकों के पास अब सप्ताह भर का समय बचा है। इतने कम समय में परीक्षा की तैयारी बड़ी चुनौती है।
कार्रवाई का भी सता रहा डर
बतादें कि कुछ दिन पूर्व जिला पंचायत सीईओ ने बैठक में अधिकारियों से कहा था कि जिन स्कूलों का परीक्षा परिणाम खराब आएगा उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। बतादें कि शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार अब तक स्कूलों में 75 फीसदी कोर्स पूरा हो जाना चाहिए था। अधिकांश स्कूलों में दावा किया जा रहा है कि उनके यहां 65 फीसदी कोर्स हो चुका है। जबकि अधिकांश जगह पचास फीसदी कोर्स अधूरे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह शिक्षकों की चुनाव में ड्यूटी लगना है। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल प्राचार्यों को निर्देश दिए हैं कि अर्धवार्षिक परीक्षाओं की तैयारी को लेकर शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य हो। वो समय पर स्कूल आएं इसकी मॉनीटरिंग खुद प्रचार्य करें। जिन विषयों की पढ़ाई अधूरी है, उस विषय की रेमेडियल कक्षाओं लगाकर पढ़ाई पूरी करायें।
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