रहिये अपडे, रीवा/मऊगंज। मध्यप्रदेश विधानसभा में भाजपा ने चाहे भले ही रीवा और मऊगंज जिले की आठ में से सात सीटों पर जीत हासिल कर ली हो लेकिन मतपत्रों की बात करें तो इसमें कांग्रेस ही भारी रही है। रीवा और मऊगंज दोनों ही जिलों की सभी सीटों पर कर्मचारियों की ओर से दिए गए मतपत्रों की गिनती में कांग्रेस को अधिक वोट प्राप्त हुए हैं। कांग्रेस के बाद भाजपा और बसपा के साथ अन्य प्रत्याशियों को वोट मिले हैं। यही हाल प्रदेश के अमूमन अन्य जिलों का भी है। मतपत्रों में कर्मचारियों के साथ ही इस वर्ष ८० वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों ने भी वोटिंग किया था। जिसमें कांग्रेस को अधिक वोट मिलना बदलाव की ओर इशारा कर रहा था लेकिन प्रचार अभियान के दौरान भाजपा ने अपनी बातें सीधे तौर पर लोगों तक पहुंचाई और कांग्रेस यह करने में नाकाम रही। कर्मचारियों द्वारा पुरानी पेंशन की बहाली को लेकर लगातार आंदोलन किया जा रहा था। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन योजना ओपीएस की व्यवस्था को फिर से लागू करने का वादा किया था। जबकि भाजपा ने इसका कोई उल्लेख नहीं किया था। जिसकी वजह से कर्मचारियों को झुकाव कांग्रेस की ओर होना माना जा रहा है। कांग्रेस पार्टी कर्मचारियों के भरोसे ही प्रदेश में सरकार बनाना चाह रही थी। कर्मचारियों ने तो कांग्रेस को जिले के सभी सीटों पर जिता दिया लेकिन जनता द्वारा दिए गए ईवीएम के वोट में भाजपा के प्रत्याशी आगे रहे। माना जा रहा है कि भाजपा की जीत में लाडली बहन योजना का बड़ा हाथ है। क्योंकि इस बार महिलाओं का वोट प्रतिशत बढ़ा है जो कि भाजपा के पक्ष में जाता दिखा है।
दोनों जिलों की सीटों पर भाजपा और कांग्रेस को मिले मतपत्रों का परिणाम
- रीवा: राजेन्द्र शर्मा कांग्रेस को 1039, राजेन्द्र शुक्ला भाजपा को 741
- गुढ़: कपिध्वज सिंह कांग्रेस को 598, नागेन्द्र सिंह भाजपा को 249
- देवतालाब: पद्मेश गौतम कांग्रेस को 569, गिरीश गौतम भाजपा को 337
- मऊगंज: सुखेन्द्र सिंह बन्ना कांग्रेस को 552, प्रदीप पटेल भाजपा को 259
- मनगवां: बबिता साकेत कांग्रेस को 748, नरेन्द्र प्रजापति भाजपा को 325
- त्योंथर: रमाशंकर सिंह पटेल कांग्रेस को 663, सिद्धार्थ तिवारी भाजपा को 528
- सेमरिया: अभय मिश्रा कांग्रेस 488, केपी त्रिपाठी भाजपा को 206
- सिरमौर: रामगरीब वनवासी कांग्रेस को 677, दिव्यराज सिंह भाजपा को 298
No comments
Post a Comment