रहिये अपडेट, छिंदवाड़ा। आयुष चिकित्सक का एक ऐसा कारनामा सामने आया है जो हैरान करने वाला है। पहले तो डॉक्टर की गलती से एक बुजुर्ग की जान चली गई। इसके बाद अपने अपराध छुपाने के लिए शव को नहर में फेंक दिया। यह अजीबोगरीब मामला जिले के अमरवाड़ा का है। जहां अपनी खांसी का इलाज कराने के लिए पुसू राठौर (60) डॉ. दीपक श्रीवास्तव के क्लीनिक पर गए थे। मरकावाड़ा निवासी डॉ. दीपक (61) ने इंजेक्शन में दवा भरकर कम्पाउंडर कपिल मालवी को दी। लेकिन इंजेक्शन लगाते ही बुजुर्ग की तबीयत बिगड़ गई और कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई।
हो सकती है उम्रकैद
अपराध को छिपाने के लिए आयुष चिकित्सक ने बड़े भाई देवेंद्र श्रीवास्तव (55) तथा दोनों कम्पाउंडर कपिल मालवी (35) और प्रदीप डेहरिया (29) की मदद से बुजुर्ग के शव को अमरवाड़ा से करीब 250 किमी दूर जिले के बरगी बांध की गोकलपुर नहर में फेंक दिया। मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने क्लीनिक से दवाइयां, इंजेक्शन की सिरिंज और निडिल जब्त की हैं। जानकारी के मुताबिक मुख्य आरोपी डॉ. दीपक के पास आयुर्वेद की डिग्री है। उसने बीएमएस भी कर रखा है, लेकिन ऐलोपैथी से उपचार कर रहा था। पुलिस ने चारों आरोपियों पर धारा 304, 201, 34 तथा मप्र आर्युविज्ञान की धारा 24 का प्रकरण दर्ज किया है। इसमें आरोपियों को अधिकतम उम्रकैद हो सकती है।
दर्ज कराई थी गुमशुदगी की रिपोर्ट
पुलिस के मुताबिक ग्राम लहगडुआ का पुसू राठौर 2 दिसंबर को दोपहर इलाज कराने डॉ. दीपक की ग्राम मरकावाड़ा स्थित क्लीनिक पर गए थे, लेकिन घर नहीं लौटे। जिसके बाद उनके बेटे पप्पू राठौर ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट 3 दिसंबर को अमरवाड़ा थाने में दर्ज कराई थी। अगले दिन 4 दिसंबर को बुजुर्ग का शव बरगी बांध के पास नहर में मिला। पुलिस जांच में पता चला कि गलत इंजेक्शन लगाने की वजह से बुजुर्ग की मौत होने के बाद डॉ. दीपक ने शव को क्लीनिक के पीछे वाले कमरे में छिपा दिया। और फिर रात होने पर आरोपी डॉ. दीपक ने बड़े भाई और कम्पाउंडरों की मदद से शव को नहर में फेंक दिया।
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