रहिये अपडेट, रीवा. रीवा-सिंगरौली रेल लाइन से प्रभावित किसानों ने परेशान होकर अब राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी है। वहीं लंबे समय से आंदोलन कर रहे किसानों ने कहा है कि वे 21 दिसंबर से गोविंदगढ़ स्टेशन पर आमरण अनशन शुरू करेंगे। जिसकी जवाबदारी रेलवे प्रशासन की ही होगी।
मुआवजा के साथ नौकरी दें
आंदोलनकारी किसान नेता महेन्द्र पाण्डेय ने बताया कि रीवा, सीधी, सिगरौली, सतना, ललितपुर रेल परियोजना के तहत जिन किसानों की भूमि अधिगृहित की गई है उनको नियमानुसार मुआवजा के साथ नौकरी देने की बात कही गई थी। कई किसानों के आश्रितों को नौकरी भी दी गई है। लेकिन कई किसानों व उनके आश्रितों को नियुक्ति नहीं दी गई। प्रभावित किसानों द्वारा रेल महाप्रबंधक, मण्डल रेल प्रबंधक जबलपुर एवं अतिरिक्त मण्डल रेल प्रबंधक को ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया गया, किन्तु कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिससे रीवा, सीधी, सिगरौली, सतना, पन्ना, ललितपुर के किसान शांतिपूर्ण अनशन कर रहे हैं और अब आमरण अनशन का भी निर्णय लिया गया है। ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से किसान नेता महेन्द्र पाण्डेय, त्रम्यकेश्वर पाण्डेय, किसानी नेत्री कमला सिंह सेंगर, रामायण शर्मा, राजेन्द्र शर्मा, हरीश द्विवेदी, गिरीश शुक्ला, धर्मेन्द्र सिंह, रजनीश पाण्डेय, संजय तिवारी सहित सीधी, सिंगरौली, सतना के नौजवान किसान शामिल रहे।
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