ऐसे तय हुआ रिश्ता
जानकारी के मुताबिक साल 1992 में रीवा में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का बड़ा सम्मेलन आयोजित हुआ था। यह आयोजन शहर के जेलमार्ग स्थित सरस्वती शिशुमंदिर मे किया गया था। मोहन यादव उन दिनों अच्छे छात्र नेताओं में गिने जाते थे और वक्ता भी अच्छे थे। इस सम्मेलन संघ से जुड़े कुछ लोग भी शामिल हुए थे। मोहन यादव के बारे में संघ के ही एक सदस्य ने ब्रह्मानंद यादव को बताया। ब्रह्मानंद शिक्षक थे और अपनी बेटी सीमा की शादी के लिए लड़का लताश रहे थे। जानकारी मिलने पर ब्रह्मानंद यादव सरस्वती शिशुमंदिर पहुंचे और मोहन यादव से मुलाकात की। साथ ही उनके और परिवार के बारे में जानकारी ली। मोहन यादव को अपने घर पर भी बुलाया। इसके बाद उज्जैन में मोहन के परिवार से मिलने गए और रिश्ता तय हो गया।
रीवा में आनी थी बारात
पहले रीवा में ही शादी के रस्में होने और बारात आने की बात तय हुई थी लेकिन बाद में यह निर्णय लिया गया कि लड़की और परिवार के सभी सदस्य उज्जैन में ही जाकर शादी करेंगे। इस तरह से दोनों की धूमधाम से शादी हुई। शादी के बाद मोहन यादव अक्सर रीवा आते रहे हैं। हालांकि कुछ समय पहले ही उनके ससुर अपने पैतृक गांव उत्तर प्रदेश के अंबेडकर जिले के कोर्रा गांव चले गए हैं। रीवा के संजय नगर मोहल्ले में मोहन के साले सदानंद यादव अभी भी परिवार के साथ रहते हैं। मोहान यादव के मुख्यमंत्री चुने जाने पर पूरे परिवार में खुशियां दौड़ गई। आसपास के लोग बधाई देने पहुंच रहे हैं।
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