MP में नहीं हो पाई साइबर तहसीलों की शुरुआत, सीएम की घोषणा पर दो फरवरी से होना था शुभारंभ, जानिये क्या होगा लाभ

Saturday, 3 February 2024

/ by BM Dwivedi

रहिये अपडेट, रीवा। आम लोगों को सुविधा प्रदान करने के लिये भूमि और भवनों की रजिस्ट्री के बाद नामांतरण की प्रक्रिया को सरल करने मध्यप्रदेश की नई मोहन यादव सरकार ने साइबर तहसीलें शुरू करने की घोषणा की है। इसकी शुरुआत दो जनवरी से प्रदेश के विभन्न जिलों में होनी थी। जिसके तहत रीवा जिले में भी शुरू होना था, लेकिन कुछ समय पहले ही शासन की ओर से कलेक्टर के पास आदेश आया कि शुरुआत का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि इस कार्यक्रम को भव्य बनाने की तैयारी की गई थी। मुख्य कार्यक्रम उज्जैन में होना था जहां से इसकी शुरुआत करने का सीधा प्रसारण रीवा सहित अन्य जिलों में कराए जाने की योजना थी।

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प्रदेश के 12 जिलों में संचालित 
साइबर तहसील परियोजना अभी प्रदेश के 12 जिलों में संचालित हो रही है। जिसमें दतिया, सीहोर, इंदौर, सागर, डिंडौरी, हरदा, ग्वालियर, आगर मालवा, श्योपुर, बैतूल, विदिशा और उमरिया जिला शामिल हैं। साइबर तहसील की व्यवस्था के लिए राजस्व विभाग द्वारा मप्र भू राजस्व संहिता, 1959 में संशोधन कर धारा 13-क में साइबर तहसील स्थापना के प्रावधान किए गए हैं। नई सरकार बनने पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पूरे प्रदेश में योजना प्रारंभ करने का ऐलान किया है। 

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यह होगा फायदा
इस योजना के लागू होने के बाद बिना आवेदन दिए रजिस्ट्री होते ही 15 दिन में नामांतरण स्वत: हो जाएगा। खसरा-नक्शा में भी तत्काल सुधार किया जा सकेगा। इस प्रक्रिया को अविवादित नामांतरण और बंटवारे के प्रकरणों में लागू किया जाएगा। बताया गया है कि कुछ स्थानों पर अभी तकनीकी रूप से अमला अपडेट नहीं हुआ है। इसके लागू होने से कई व्यवहारिक समस्याएं भी आएंगी, उनके लिए भी अब योजना तैयार की जा रही है। संपत्ति की रजिस्ट्री कराने की प्रक्रिया ऐसी है कि धोखे से भी संपत्तियों की रजिस्ट्री कई बार हो जाती है। यदि रजिस्ट्री में कोई फर्जीवाड़ा हुआ है तो नामांतरण पर उसके रोक नहीं लग पाएगी और सीधे नामांतरण हो जाएगा। पूर्व में कई ऐसे मामले आए हैं कि दस्तावेजों में हेराफेरी कर सरकारी संपत्तियों की भी रजिस्ट्री कराई जा चुकी है। शासन के स्तर पर इसकी नए सिरे से रूपरेखा जल्द जारी होने की जानकारी दी गई है। 

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