' एनजीओ की कार्यकर्ता नहीं कलेक्टर बन कर आई थी श्लेषा, आते ही देने लगी धौंस'

Tuesday, 20 December 2022

/ by BM Dwivedi

 डॉ. कल्याण सिंह व डॉ. अर्चना सिंह ने पत्रकारवार्ता में रखी बात

रीवा।  समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गुढ़ में एनजीओ और बीएमओ के बीच हुई भिड़त ने राजनैतिक मोड़ क्या ले लिया कि अब प्रशासनिक अधिकारी भी घेरे में आने लगे। नगर परिषद गुढ़ अध्यक्ष डॉ. अर्चना सिंह ने पत्रकारवार्ता के दौरान कहा कि एनजीओ की कार्यकर्ता नहीं कलेक्टर बन कर आई थी श्लेषा। आते ही डॉ. कल्याण सिंह को धौंस देने लगी कि यहां क्या व्यवस्था है न तो कुर्सी और न ही टेंट पंडाल लगे है, इनकी वीडियो बनाओ। जब विवाद की स्थिति निर्मित हुई तो डॉ. कल्याण सिंह पुलिस को बुलाते है और एनजीओ संचालिका कलेक्टर को फोन लगाती है। वह शासकीय कर्मचारियों पर दबाब बनाने का प्रयास करी कि मेरे संबंध कलेक्टर से, एडीएम से, एसपी से है। जब कल्याण सिंह ने पुलिस को फोन लगाया तो उसे भी पुलिस को सूचित करना चाहिये वह पुलिस को सूचित क्यों नहीं की। नगर परिषद अध्यक्ष ने कहा कि डॉ. कल्याण सिंह ने एनजीओ के विरुद्ध थाने में लिखित शिकायत की। तो उसके बाद में उस महिला ने भी शिकायत की। पुलिस ने एक तरफा डॉ. कल्याण सिंह के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कर लिया। इससे यह साबित होता है कि एनजीओ संचालिका को कलेक्टर, एडीएम और एसपी का संरक्षण प्राप्त है।  इतना ही नहीं नगर परिषद अध्यक्ष डॉ. अर्चना सिंह ने कहा कि जिले में कई एनजीओ संचालित है लेकिन सोशल मीडिया में इस एनजीओ के साथ कलेक्टर, एसपी की तस्वीरें क्यों आती है। इससे यह साबित होता है कि कहीं न कहीं एनजीओ पर कलेक्टर, एसपी की कृपा बरसती है जिसकी वजह से गुढ़ थाना में एक तरफा एफआईआर दर्ज की गई। और डॉ. कल्याण सिंह द्वारा की गई शिकायत पर यह कहते हैं कि शिकायत पत्र जांच में है। नगर परिषद अध्यक्ष गुढ़ ने पत्रकारवार्ता के दौरान बताया कि रक्तदान शिविर का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें एक प्रशासनिक अधिकारी खून पीने की बात कहते हैं। कौन अधिकारी है और किसका खून पीने की बात करते है यह राज वीडियो उगल रहा है। पत्रकारवार्ता में नगर परिषद गुढ़ की अध्यक्ष डॉ. अर्चना सिंह ने कहा कि प्रशासनिक दबाव में पुलिस द्वारा एक तरफा एफआईआर दर्ज किये जाने के संबंध में डॉॅ. कल्याण सिंह ने एडीजीपी, एसपी सहित जिम्मेदार अधिकारियों से न्याय के लिए फरियाद की है। यदि जिम्मेदार अधिकारी डॉ. कल्याण सिंह को न्याय नहीं दिये तो मजबूरन न्याय के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटना होगा। जहां सभी जिम्मेदार अधिकारियों को पार्टी बनाया जायेगा।

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विपक्ष पर बरसी नपा अध्यक्ष

पत्रकारों द्वारा पूछे गये सवाल पर नगर परिषद अध्यक्ष गुढ़ विपक्ष पर जमकर बरसी। उन्होंने कहा कि हम रीवा जिले के बाहर यूपी के रहने वाले हैं। न तो हम क्षत्रिय है और न ही ब्राम्हण हम जातिगत राजनीति से हट कर एक समाज सेवक के रूप में गुढ़ में वर्षो से रह रहे है। हम कंबल बांटते, फल बांटते हुये तस्वीरें नहीं खिंचवाते। जातिवाद की राजनीति से हट कर यहां की जनता ने मुझे आज नगर परिषद की कुर्सी तक पहुंचाया है। जो स्थानीय राजनीतिक दलों को खटक रहा कि एक बाहरी महिला गुढ़ में जनप्रतिनिधि के रूप में उभर गई।  

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किस पावर से आदेश दे रही थी बताये प्रशासन: डॉ. कल्याण सिंह

पत्रकारवार्ता के दौरान डॉ. कल्याण सिंह ने मीडिया के माध्यम से प्रशासनिक अधिकारियों से जबाव मांगा है कि एनजीओ की संचालिका श्लेषा किसके पावर से मुझे आदेश दे रही थी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम ने न तो उनकी ड्यूटी लगाई गई थी और न ही किसी बाहरी व्यक्ति (एनजीओ) के आने के संबंध में मुझे जानकारी दी गई। 13 दिसबंर को श्लेषा शुक्ला 5 लोगों के साथ आई और बिना परिचय दिये ही व्यवस्था को लेकर बरस पड़ी और वीडियो बनाने लगी। जबकि उस दिन समुदायिक स्वास्थय केंद्र गुढ़ में राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण संबंधी कोई कार्यक्रम ही नहीं था। इस दौरान अतुल द्विवेदी नाम के लड़के ने उन पर हाथ उठा दिया। जब मैं लड़के की ओर बढ़ा तो श्लेषा बीच में आते हुए कहतीं है कि मेरे ऊपर हाथ क्यों लगाये हो। उक्त महिला मुझे लगातार अधिकारियों के नाम पर धमकाती रही। मेरी सूचना पर जब दो आरक्षक तो उनके सामने भी महिला के व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं आया। वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवा दी।

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एनजीओ का अध्यक्ष हैं या ट्रेवल्स एजेंसी चलाती हैं

पत्रकारवार्ता पर डॉ. कल्याण सिंह ने कहा कि घटना के दिन उनके यहां कोई कैंप नहीं था। एनजीओ संचालिका अपने साथियों के साथ किसके आदेश पर कैंप लगाने गई थी। एनजीओ संचालिका द्वारा एक वीडियो वायरल किया जा रहा है जिसमें वह बीपीएल कार्ड, आयुष्मान कार्ड, गरीबी रेखा का कार्ड लेकर चलने की बात कर रही है। डॉ. कल्याण सिंह ने कि किसी के व्यक्तिगत रिकॉड को किस अधिकारी के आदेश पर मांगे जाने का अधिकार दिया गया है। साथ ही वीडियो में यह कहते हुये नजर आ रही है कि खाना-पीना, दवाई, रहना सब की व्यवस्था शासन करेगा। हम तो केवल आप लोगों को लेने आये हैं। डॉ. कल्याण सिंह ने कहा कि जब सब व्यवस्था शासन ही कर रही तो उक्त महिला को मरीजों को लाने का आदेश किस अधिकारी द्वारा दिया गया है। जो महिला एनजीओ का अध्यक्ष बताती है क्या वह ट्रेवलिंग एजेंसी चलाती है? उसका आदेश सार्वजनिक किया जाये।

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