18 फरवरी को होने वाले इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में मौजूद रहेगी एशिया बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड की टीम
आयोजन के मुख्य बिन्दु
- 40 सालों से महाशिवरात्रि पर विशाल भंडारा
- 15 साल से निकाली जा रही भगवान भोलेनाथ की भव्य बारात
- 1100 किलो के कड़ाहा में बनेगा 5100 किलोग्राम खिचड़ी
- 1100 किलोग्राम के इस कड़ाहे की ऊंचाई 5.50 फीट और चौड़ाई 11 फीट
- खिचड़ी में 600 किलो चावल, 300 किलो दाल, 100 किलो देशी घी और 100 किलोग्राम हरी सब्जियां डाली जाएगी
- 21 लोग मिलकर महाशिवरात्रि के दिन बनायेंगे खिचड़ी का महाप्रसाद
1100 किलो के कड़ाहा में बनेगा 5100 किलोग्राम खिचड़ी
18 फरवरी को रीवा के पचमठा आश्रम में महाशिवरात्रि के दिन होने वोले विशाल भंडारे के लिए एक विशाल 1100 किलो का कड़ाहा बनवाया गया है। इस बड़े कड़ाहे में 5100 किलोग्राम खिचड़ी बनेगी। भंडारे के इस महाप्रसाद को करीब 51 हजार श्रद्धालु ग्रहण करेंगे। बताया जा रहा है कि खिचड़ी महाप्रसाद के वितरण का यह देश-दुनिया में सबसे बड़ा आयोजन होगा। इस आयोजन का कवरेज करने के लिए एशिया बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड की टीम को बुलाया गया है। बतादें कि इससे पूर्व 3000 किलो के प्रसाद का रिकार्ड है।
कानपुर व आगरा के कारीगरों ने बनाया कड़ाहा
5100 किलो का महाप्रसाद बनाने के लिए बड़े कड़ाहे का निर्माण कराया गया हे। 1100 किलोग्राम के इस कड़ाहे को उत्तर प्रदेश के कानपुर व आगरा के कारीगरों ने मिलकर 15 दिन में बनाया है। इस बजनी कड़ाहे को हाइड्रोलिक मशीन से उठाकर ट्रक में लादा गया और कानुपर से रीवा के पचमठा आश्रम लाया गया है। पचमठा आश्रम में भी इस कड़ाहे को उतारने के लिए हाइड्रोलिक मशीन का उपयोग किया गया। 1100 किलोग्राम के इस कड़ाहे की ऊंचाई 5.50 फीट और चौड़ाई 11 फीट है। कड़ाहे की ऊंचाई इतनी अधिक है कि कड़ाहे के बगल में खड़े होकर इसके अंदर नहीं झांका नहीं जा सकता है। इसलिये इसमें खिचड़ी बनाने के लिए एक विशेष प्रकार की भट्ठी बनाई जा रही है।
महाप्रसाद के लिए इन सामग्रियों का होगा उपयोग
मंदिर परिसर में आयोजन के लिए डोम पंडाल लगाया जा रहा है। जिसमें एक तरफ मंच होगा और दूसरी तरफ भंडारा चलेगा। शिव बारात आयोजन एवं जन कल्याण समिति के सचिव प्रतीक मिश्रा के मुताबिक महाशिवरात्रि पर खिचड़ी महाप्रसाद का वल्र्ड रिकॉर्ड बनेगा। इसके लिये 1100 किलो ग्राम वाले कड़ाहे में 5100 किलो ग्राम खिचड़ी पकाई जायेगी। इसके लिए 4000 लीटर पानी और 1100 किलो खिचड़ी की सामग्री का उपयोग होगा। जिसमें 600 किलोग्राम चावल, 300 किलोग्राम दाल, 100 किलोग्राम देशी घी और 100 किलोग्राम हरी सब्जियां डाली जाएगी।
कड़ाहे के लिए विशाल भाट्ठी और करछुला
1100 किलो के कड़ाहे के लिए विशाल भट्ठी बन रही है। जमीन को खोदकर गड्ढानुमा यह भ_ी बनाई जा रही है। भा_ी की गहराई 5 फीट और चौड़ाई 8 फीट रखी गई है। भाट्ठी की मजबूती के लिए इसे कंक्रीट किया जा रहा है। भट्ठी में नीचे सरिया डालकर कड़ाहा रखने के लिए स्टैंड की डलाई की जा रही है। इसी के ऊपर कड़ाहा रखा जाएगा। 5.५० फीट ऊंचाई वाला कड़ाहा तीन फीट जमीन के अंदर भट्ठी में रहेगा, जबकि करीब दो फीट जमीन की उपरी सतह पर निकला रहेगा। इस कड़ाहे में खिचड़ी पकाने के लिए 11-11 फीट के 4 करछुला (पलटा) बनवाये गये हैं। करीब 11 क्विंटल लकड़ी का उपयोग किया जाएगा। महाशिवरात्रि के दिन 21 लोग मिलकर खिचड़ी का महाप्रसाद तैयार करेंगे।
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