How To Stop Bottle Feeding In Baby: बच्चे के लिये मां का दूध सर्वोत्तम आहार है। फिर भी कई मातायें बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग के साथ ही फॉर्मूला मिल्क पिलाना शुरू कर देती हैं। इस तरह के दूध को अक्सर बोतल से दिया जाता है। लेकिन बच्चा जब कुछ बड़ा हो जाता है तब भी बोतल से ही दूध पीता है। गिलास या कप में दूध देने पर रोने लगता है। जो ऐसे में जरूरी है कि उसकी बोतल से दूध पीने की आदत को छुड़ायें। क्योंकि विशेषज्ञों के मुताबिक एक से दो साल के बच्चे को बोतल से दूध देना चाहिए। इसके बाद बच्चे को बोतल से दूध देना बंद कर देना चाहिए।
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बच्चे को बोतल से दूध पिलाने नुकसान
- दो साल के बाद भी बच्चा बोतल से दूध पी रहा है तो उसकी हेल्थ को नुकसान होने लगता है।
- दूध बोतल सेपीने की वजह से बच्चे में मोटापे की समस्या हो जाती है।
- सोते समय बच्चा यदि बोतल से दूध पी रहा है तो इससे उसके दांतों में सडऩ होने लगती है। क्यों कि दूध की मिठास ही दांतों में कैविटी का कारण बन जाती है।
- बच्चे अक्सर बोतल से दूध लेटकर पीते हैं जिससे उनके कान में इंफेक्शन का खतरा रहता है। लेटकर दूध पीने से दूध गले के पीछे यूश्टेशियन ट्यूब के पास गिरता है। ऐसे में संक्रमण का खतरा रहता है।
- बोतल से दूध चूसने के बच्चे के चेहरे का शेप बिगडऩे का डर भी रहता है। इससे चेहरे की मांसपेशियों पर विपरीत असर पड़ता है।
- बोतल से दूध पीने से बच्चे के दांतों की बनावट में गड़बड़ी आने लगती है और दांत टेढ़ेमेढ़े हो जाते हैं।
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ऐसे छुड़ायें बच्चे की बोतल की आदत
- जब बच्चे एक साल के जो जायें तो उन्हें बोतल पकडऩा धीरे-धीरे बंद कर दें और उनके हाथ में कप देना शुरू कर दें।
- बच्चे जब 8-10 महीने के हो जायें तो उन्हें दूध के साथ दूसरे तरल पदार्थ कप में देने शुरू कर दें, जिससे उनकी कप पकड़कर पीने की आदत लगे।
- बच्चे को बोतल की जगह सिप्पी कप दें। कलरफुल सिप्पी कप देखकर बच्चे उसकी तरफ अट्रैक्ट होते हैं और दूध पीने की कोशिश करते हैं।
- बच्चे की बोतल छुड़ाने के लिये कप से दूध को टेस्टी और गाढ़ा बनाकर दें। जिससे उसे कप वाले दूध में टेस्ट मिलेगा और वो बोतल के दूध को कम पसंद करे।
- एक दिन में बच्चे की बोतल नहीं छूटेगी इसे छुड़ाने में समय लगेगा। पहले दिन एक बार और फिर धीरे-धीरे कप से दूध पिलाने की मात्रा बढ़ाते जायें।
- बच्चे को छह महीने के बाद दूध के साथ अनाज और ठोस आहार देना शुरू करें। जिससे बच्चा केवल दूध पर डिपेंट ना हो। इससे बच्चे की बोतल छुड़ाने में मदद मिलेगी।
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