मामला मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम (होशंगाबाद) का है, जहां एक डॉक्टर ने अपने ही ड्राइवर का बड़ी ही बेरहमी से कत्ल कर दिया था। धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर द्वारा की गई इस वारदात की कहानी जान कर लोग सन्न रह गए थे। नर्मदापुरम अदालत ने इस शख्स को ड्राइवर की हत्या का दोषी मानते हुये उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही 15 हजार रुपये का अथदंड भी दिया है। है। अब आइये जानते हैं डॉक्टर ने ऐसा क्यों किया?
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पनप रहे नाजायज रिश्ते की लग गई भनक
दरअसल यह कहानी शुरू होती है डॉ. सुनील मंत्री (55) की पत्नी सुषमा की मृत्यु के बाद से। सुषमा एक फैशन डिजाइनर थीं और घर पर ही एक बुटीक चलाती थी। इनकी बुटीक में वीरू नाम के एक व्यक्ति की पत्नी काम करती थी। इसी बीच सुषमा की अचानक मृत्यु हो जाती है, जिसके बाद वीरू की पत्नी बुटीक संभालने लगी। घर पर ही बुटीक होने के चलते डॉक्टर सुनील और वीरू की पत्नी के बीच नजदीकियां बढ़ जाती हैं और धीरे-धीरे उनके बीच प्रेम प्रसंग शुरू हो जाता है। लेकिन वीरू को उसकी बीवी और डॉक्टर के बीच पनप रहे नाजायज रिश्ते की भनक लग गई।
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बदनाम करने की धमकी देकर करने लगा ब्लैकमेल
जिसके बाद वीरू ने विरोध करते हुये डॉक्टर सुनील को बदनाम करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। कुछ दिनों बाद वीरू से परेशान डॉक्टर ने उसे ठिकाने लगाने की साजिश रची। बतादें कि डॉ. सुनील इटारसी के सरकारी अस्पताल में बतौर हड्डी रोग विशेषज्ञ पदस्थ था। योजना के तहत उसने जनवरी 2019 में वीरेंद्र पचौरी उर्फ वीरू (30) को अपने यहां ड्राइवर के काम पर रख लिया। अब डॉक्टर वीरू को निपटाने के लिए मौके ढूढने लगा, आखिरकार उसे 4 फरवरी 2019 को उसे मौका मिल गया।
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बेहोशी में आरी से वीरू की काट दी गर्दन
उस दिन जब वीरू डॉक्टर के यहां काम पर पहुंचा तो उसका दांत दर्द कर रहा था। डॉक्टर ने वीरू से उसका इलाज करने के लिये कहा, वीरू ने जब सहमति जताई तब डॉक्टर ने उसे एक इंजेक्शन लगाया। इसके बाद वीरू बेहोश हो गया। जिसके बाद डॉक्टर ने आरी से वीरू की गर्दन काटकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद सर्जरी के औजारों से लाश के करीब 70 टुकड़े कर दिये। इसके बाद एसिड से भरे ड्रम में लाश के टुकड़ों को डाल दिया। यह एसिड से भरा ड्रम पहले से ही घर में मंगा रखा था।
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लाश से उठने लगी खतरनाक बदबू
डॉक्टर शहर के पॉश इलाके में रहता था। उसने सोचा था कि लाश के टुकड़ों को गलाकर नष्ट कर देगा। लेकिन दिन बीतने के साथ ही लाश से खतरनाक बदबू उठने लगी। उसने बदबू रोकने की पूरी कोशिश की लेकिन नाकाम रहा। आखिरकार बदबू से परेशान होकर लोगों ने पुलिस को शिकायत की। मामला पॉश इलाके का होने के कारण पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से लिया और छानबीन शुरू की। पुलिस ने डॉ. सुनील मंत्री को गिरफ्तार कर लिया जिसके बाद वारदात का खुलासा किया। डॉक्टर तभी से जेल में बंद था। सुनवाई और दोष सिद्ध होने के बाद अब अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई है।
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