रीवा. समय पर एंबुलेंस नहीं मिली तो गंभीर युवक को पीकप वाहन से ही संजय गांधी अस्पताल रीवा लेकर पहुंचे। लेकिन अस्पताल पहुंचने में देरी हो गई और युवक ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। बताया गया कि घंटेभर देर से पहुंचे अन्यथा मरीज की जान बच जाती। बता दें कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जवा से मरीज को रेफर तो कर दिया गया लेकिन एंबुलेंस नहीं उपलब्ध कराई गई थी। जिले के सितलहा निवासी प्रकाश तिवारी उर्फ पिन्टू पिता स्व. राजेश तिवारी (28) रीवा वेयर हाउस में कंटरजेंसी पर कार्यरत थे। शनिवार कि छुट्टी होने पर गृहग्राम सितलहा आए थे, जहां निर्माणाधीन मंदिर में काम चल रहा था। प्रकाश ने जैसे ही दीवार पर रखी पाईप निकालने की कोशिश की उसी समय दीवार की बीम, छज्जा सहित नीचे गिर गया। जिसकी चपेट में तिवारी आ गए और उन्हें गंभीर चोट आई। परिजन उनको तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जवा लेकर पहुंचे। जहां प्राथमिक उपचार के बाद संजय गांधी अस्पताल रीवा के लिए रेफर कर दिया गया।
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दो घंटे तक किया इंतजार
गंभीर युवक को रीवा ले जाने के लिए परिजन दो घंटे तक जवा में एंबुलेंस का इन्तजार करते रहे। जब एंबुलेंस नहीं मिली तो मजबूर होकर पिकप लोडर वाहन से मरीज को लेकर संजय गांधी अस्पताल पहुंचे। जहां परीक्षण के बाद चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। इस दौरान बताया गया किमरीज को लाने में देरी हो गई अन्यथा उसकी जान बचाई जा सकती थी।
परिजनों में भारी आक्रोश
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की एंबुलेंस व्यवस्था को लेकर परिजनों में भारी आक्रोश है। वहीं स्थानीय लोगों ने अस्पताल सहित स्थानीय प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। कहा कि अगर समय पर एंबुलेंस की व्यवस्था हो जाती तो शायद प्रकाश तिवारी की जान बच जाती। तिवारी के असमय निधन पर गांव में शोक व्यप्त है।
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