वीरेन्द्र सिंह सेंगर बबली
रीवा. प्रदेश का इकलौता केंद्रीय जेल रीवा है जहां बंदियों को संगीत का प्रशिक्षण दिया जाता है। यह परंपरा जेल निर्माण के दौरान ही वर्ष 1956-57 से अनवर चालू है। केंद्रीय जेल रीवा (Central Jail Rewa) ने एक से बढ़ कर एक संगीत कलाकारों निखारा है जो जेल के अंदर रहकर भी जेल का नाम रोशन किये और जेल से छूटने के बाद इसी संगीत को अपना जीविकोपार्जन बनाया। जेल अधीक्षक सतीश उपाध्याय के प्रयासों से संगीत मास्टर राजेश शुक्ला के मार्गदर्शन पर इन दिनों फिर जेल के अंदर बंदियो द्वारा सुरताल मिलाया जा रहा है, जिसकी गूंज जेल की चारदिवारी के अंदर गुंजायमान हो रही है। जेल अधीक्षक श्री उपाध्याय ने बताया कि बड़ी संख्या में बंदी संगीत सीख रहे है। संगीत मास्टर राजेश शुक्ला द्वारा बंदियों को सुगम संगीत, लोक संगीत, शास्त्रीय संगीत, कैशियो, हारमोनियम, तबला, ढ़ोल आदि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण उपरांत बंदियों को वार्षिक परीक्षाओं में बैठाया जायेगा। जिसमें प्रथम वर्ष से संगीत प्रभाकर की उपाधि दिलाई जाती है।
Also Read: उज्जैन का महाकाल मंदिर एक हफ्ते के लिए रहेगा बंद , प्रशासन ने इस डर से लिया ये निर्णय
संगीत के माध्यम से भूल रहे अपने दुख-दर्द
राजेश शुक्ला, संगीत शिक्षक जेल ने बताया कि केंद्रीय जेल रीवा (Central Jail Rewa) में बंदी संगीत का प्रशिक्षण लेकर शांतिमय एवं प्रसन्न जीवन जी रहे हैं। संगीत के माध्यम से अपने दुख दर्द को भुला पाने में तथा प्रसन्नता के साथ ही आपसी भाईचारा का वातारण निर्मित करने में अपने आप को सक्षम पाये हैं। संगीत के माध्यम से बंदी समाज में अपने खोये हुये सम्मान को एवं जीविका को प्राप्त करने का आधार भी मानते हैं।
Also Read: MP में अब नहीं खुलेंगे शराब अहाते, आज से लागू हुई नई शराब नीति, लगाई गई और भी पाबंदियां
संगीत सीख रहे बंदियों की जुबानी
No comments
Post a Comment