वीरेंद्र सिंह सेंगर बबली
रीवा। रविवार की रात जिले के शराब कारोबारी कोई पार्टी में शामिल रहा तो कोई अपनी दुकान के हिसाब-किताब पर। उसी दौरान सर्किल प्रभारियों ने ठेकेदारों के मोबाइल की घंटी खनखना दी। आबकारी अधिकारी को रात फोन आते ही ठेकेदारों ने बड़े ही उतावले पन से फोन उठाया और कहा सर नमस्कार आदेश करें.. इतना सुनते ही सर्किल प्रभारियों ने कहा कि सोमवार की सुबह से कोई भी शराब ठेकेदार अपनी दुकान से न तो एमआरपी से ऊंचे दामों पर शराब बेचेगा और न ही एमएसपी से नीचे। इतना सुनते ही ठेकेदार आवाक रह गये और पूछ बैठा क्या हो गया साहब...। सर्किल प्रभारियों ने कहा कि ऊपर का आदेश है और हम कुछ नहीं जानते। गौरतलब है कि सफेदपोश शराब कारोबारी के संरक्षण में शराब कारोबारियों ने सिंडीकेट बना कर सुराप्रेमियों के जेब में डाका डाल रहे थे। जिसका लगातार समाचार पत्रों में प्रकाशन हो रहा था। कोई आबकारी कमिश्नर को समाचार पत्र की कटिंग ट्यिूट करता को कोई शासन भोपाल को। विभागीय सूत्र बताते हैं कि परिणाम यह हुआ कि ऊपर से जिला आबकारी कार्यालय की घंटी खनखना गई। बस क्या था सर्किल प्रभारियों को आदेश दे दिया गया कि अपने-अपने सर्किल के शराब ठेकेदारों को एर्लट कर दो कोई भी मंहगी शराब न बेचे। गौरतलब है कि शराब ठेकेदारों ने सिंडीकेट बना कर 65 रूपये की देशी मदिरा प्लेन 80 रूपये, 80 रूपये का मसाला 100 रूपये, 110 रूपये का गोवा 130 रूपये और 205 रूपये की किंगफिशर बियर के अतिरिक्त अन्य बियर 200 रूपये की जिसे 250 रूपये में बेच रहे थे। जिसका जमकर विरोध हुआ और बात ऊपर तक जा पहुंची।
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आदत से बाज नहीं आया सोम ग्रुप
रीवा के तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी केएस मैकाले एवं रीवा के ठेकेदारों ने मिलकर सोम ग्रुप की आदतों से बाज आकर जिले बाहर कर दिया था। कई साल बाहर रहने के बाद वर्ष 2023 के निष्पादन प्रक्रिया में शामिल कर उसे रीवा ले आया गया। आते ही सोम ग्रुप ने अपने ब्रांड की रद्दी शराब और बियर बिकवानी शुरु कर दी। मजे की बात तो यह है कि वह भी मंहगे दामों पर। उस पर सिंडीकेट में शामिल होकर रीवा की जनता को दो तरफा लूटने लगा। आश्चर्य तो तब हुआ जब रविवार की रात जिला आबकारी कार्यालय से जारी फरमान को सोम ग्रुप ने नजर अंदाज कर दिया। सोमवार को मिली जानकारी के अनुसार सोम ग्रुप अभी एमआरपी से ऊंचे दामों पर शराब की बिक्री कर रहा है। यह जानकारी रीवा से लेकर मनगवां स्थित शराब दुकान से मिली है।
शराब कारोबारियों और आबकारी कार्यालय के बीच चल रहा मंथन
सोमवार के सुबह से ही जिला आबकारी कार्यालय में चहल-पहल देखी गई। कोई सर्किल प्रभारी को साधने में लगा है तो कोई आबकारी कार्यालय में बैठे ओहदेदार को ही साधने पर जुटा हुआ है। विभागीय सूत्र बताते है कि रविवार की रात जारी आदेश पर सुराप्रेमियों की जेब कर डाका डालने वाले शराब कारोबारी बेचैन हो गये हैं और सुबह होते ही आबकारी कार्यालय में मान मनौव्वल करने पर जुटे हुये है, अब देखना यह है कि ऊंट किस करवट बैठेगा?
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