वृक्षारोपण के नाम पर किसानों को बनाता था ठगी का शिकार
फर्जी नाम से जबलपुर में रहकर ठगी को देता रहा अंजाम
शहर एसपी श्रीमती शिवाली चतुर्वेदी ने बताया कि आरोपी जबलपुर के मढ़ाताल थाना क्षेत्र में बीते पांच माह से किराये का मकान लेकर रह रहा था। वहां अपना नाम सूरज तिवारी बताया और सूरज तिवारी के नाम से आधार कार्ड भी रखे था। किसानों को झांसे में लेकर खेत में लाभकारी वृक्षों के रोपड़ किये जाने को लेकर पैसे ऐंठता रहा। किसानों को जब अपने ठगी का एहसास हुआ तो थाना जा पहुंचे और सारी वृतांत बताते हुये आरोपी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाई। इस बात की भनक जब आरोपी को लगी तो किसानों से ऐंठे हुये रूपये समेट कर गोरखपुर यूपी के लिए भाग निकला। गनीमत रही कि यूपी सीमा में घुसने के पहले ही दबोच लिया गया। आरोपी द्वारा बताये गये फर्जी नाम का उस वक्त खुलासा हुआ जब रीवा पुलिस ने आरोपी से मनोवैज्ञानिक ढंग से पूछतांछ की तो पता चला कि आरोपी को असली नाम रत्नेश सिंह है।
पुराने बस स्टैंड में पुलिस को ड्रामा बना कौतूहल
पुराने बस स्टैंड में उस समय कौतूहल का विषय बन गया जब एक अनजान व्यक्ति अपनी बैगनआर को छोड़ कर भागने लगा और वर्दीधारी उसे दबोचने के लिए सड़क में दौड़ लगाते हुये नजर आ रहे थे। वहां मौजूद लोग एक नजर बैगनआर के अंदर रखे संदिग्ध बैग पर मारते तो दूसरी नजर भाग रहे आरोपी पर। कोई यह नहीं समझ पा रहा था कि आखिर पुलिस को यह कौन का ड्रामा चल रहा है। भाग रहा आरोपी तो पुलिस के चंगुल में फंस गया और पुलिस क्रेन के माध्यम से बैगनआर को सिविल लाइन थाना ले गई। जैसे ही कार में रखे बैग को पुलिस ने खोला तो उनकी आंखे चौंधिया गई। बैग नोटो से भरा मिला जिसे गिनने के लिए सिविल लाइन पुलिस को भारी मशक्कत करनी पड़ी। बताया गया कि बैग में ठगी से हासिल किये गये 25 लाख रूपये मौजूद थे। आरोपी सहित नगदी एवं कार जबलपुर से आई पुलिस टीम को सौंप दी गई।
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