वीरेन्द्र सिंह सेंगर, बबली
रीवा. एक ओर कांग्रेस प्रदेश में सरकार बनाने का दावा कर रही है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के नुमाइंदे पद पाते ही भ्रष्ट्राचार के हवन कुंड में होम ग्रास डाल रहे। मजे की बात तो यह है कि नगर परिषद मऊगंज से कांग्रेस के अध्यक्ष बृजवासी पटेल और सीएमओ महेंद्र पटेल ने लेखापाल अवधलाल पटेल के साथ मिलकर भ्रष्ट्राचार की गंगा ही बहा दी जो थमने का नाम नहीं ले रही। इस भ्रष्ट्राचारियों के खिलाफ भाजपा के पार्षदों में मोर्चा खोल दिया। और साफ तौर पर चेतावनी दी है कि यदि निपष्क्ष एजेंसी से जांच नहीं करवाई गई तो 12 जून को सभी अनिश्चितकालीन धरने पर चले जायेंगे। सीएमओ, अध्यक्ष और लेखापाल की जुगलबंदी से नगर परिषद में हुए मुख्य 7 भ्रष्ट्राचार की जांच किये जाने का ज्ञापन एसडीएम मऊगंज को सौंपा है। ज्ञापन सौंपने में नपा की उपाध्यक्ष मानवती साकेत, पार्षद राजेश सर्राफ, बृजेश सोनी, सुरेश कोरी, अली अहमद खान, शंकरलाल मिश्रा, राजेंद्र ताम्रकार एवं अनिल पटेल मौजूद रहे।
जातिवाद के बयार से महक रहा नगर परिषद
चर्चा के दौरान पार्षदों ने बताया कि नगर परिषद मऊगंज में जातिवाद की बयार चल रही है। सीएमओ, अध्यक्ष और लेखापाल एक ही समाज के होने से दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी रहे आशीष पटेल को अवैधानिक रूप से स्थायी कर्मी का लाभ दे दिया। साथ ही इनकी जुगलबंदी ने टैक्टर खरीदी में कमीशन, हैंडपंप उत्खनन, स्टेशनरी खरीदी, मिट्टी फीलिंग एवं खरीद फरोख्त में घोटाला नगर परिषद को खोखला करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे। आलम यह है कि नगर परिषद में सीएमओ से लेकर अध्यक्ष एवं लेखापाल तक के कमरों में एसी लगे हुये है।
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जानकारी देने में जनप्रतिनिधियों से छुपाते है मुंह
पार्षदों ने बताया कि नगर परिषद में क्या होता है, राशि कहां जा रही, कितनी जा रही इस बात का कोई लेखा जोखा जनप्रतिनिधियों को नहीं दिया जाता। यहां तक की सूचना के अधिकारी के तहत आवेदन भी लगाये तो उस पर भी जवाब देने से नगर परिषद के अधिकारी अपना मुंह छुपा रहे है। इससे यह साबित होता है कि सीएमओ, अध्यक्ष और लेखापाल की जुगलबंदी जनता के टैक्स के पैसों का आपस में बंदरबाट कर रही।
उपयंत्री ने खोला मुंह, संभागीय अधीक्षण यंत्री से की शिकायत
मजे की बात तो यह है कि भाजपा पार्षदों के पूर्व नगर परिषद में पदस्थ उपयंत्री राजेश प्रताप सिंह ने नगर परिषद में चल रहे भ्रष्ट्राचार की लिखित शिकायत 18 मई 23 को संभागीय अधीक्षण यंत्री नगरीय प्रशासन एवं विकास रीवा से की। पत्र में बताया कि जल प्रदाय शाखा में भारी भ्रष्ट्राचार हो रहा है। भ्रष्ट्राचार पर पर्दा डालने के लिए सीएमओ द्वारा क्रय एवं मरम्मत की गई सामग्री की गुणवत्ता का परीक्षण तकनीकी अधिकारी से न करवा कर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी, स्थाई कर्मी या फिर लाइन मैन से करवाई जाती है। साथ ही बताया कि जल प्रदाय शाखा अंर्तगत मोटर पंप क्रय एवं मरम्मत की कोई भी नस्ती दर एवं गुणवत्ता परीक्षण हेतु प्रस्तुत नहीं किया जा रहा है। साथ ही निकाय में कई सामग्री क्रय एवं कार्य में एक मुश्त दर पर किये जा रहे हैं। बिलो में दर एवं मात्रा का विवरण भी नहीं होता है। उपयंत्री राजेश प्रताप सिंह ने बताया कि सामग्री की दर एवं गुणवत्ता परीक्षण नियमानुसार न कराये जाने से निकाय को अत्यधिक आर्थिक क्षति हो रही है।
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