भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार के विरोध में भाजपा के ही नुमाइदें बैठे अनिश्चितकालीन धरने पर, जानिये क्या है मामला

Tuesday, 13 June 2023

/ by BM Dwivedi


रीवा। सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार की इबारत लिखी जाती है। यह बात किसी से छुपी नहीं है। कार्यालय के दरवाजे पर बैठे चपरासी से लेकर अंदर बैठे अधिकारियों तक में भ्रष्टाचार के आगोश में है। इनकी वजह से ईमानदार अधिकारी भी संदेह की नजर से देखे जाते हैं। इसकी जड़े कांगे्रस की सरकार में डाली गई थी जो आज भाजपा की सरकार में पौध बनकर तैयार हो गया। आदमी सोचने को तब मजबूर होता है जब भ्रष्टाचार के विरोध में सरकार के ही नुमाईदें  आवाज बुलंद कर दे। ऐसा ही कुछ मऊगंज नगर परिषद में बीते कई माह से चल रहा था जो अब ज्वाला का रूप ले ली। केंद्र से लेकर प्रदेश में सरकार भाजपा की यहां तक की मऊगंज में विधायक भी भाजपा के उसके बावजूद भी भ्रष्टाचार की आवाज उठाने वाले भाजपा के ही नुमाईदों की आवाज नहीं सुनी गई। हालात यह हो गये कि भाजपा की सरकार में भाजपा के ही नुमाईदें नगर परिषद में चल रहे भ्रष्टाचार के विरोध में अनिश्चित कालीन हड़ताल पर उतर गये।
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नगर परिषद के सामने पंडाल लगा कर धरना 
सोमवार के दिन सुबह से ही नगर परिषद के सामने पंडाल लगा कर भाजपा की नपा उपाध्यक्ष मानवती साकेत सहित भाजपा पार्षद धरने पर बैठ गये। उनकी यह जिद है कि जब तक नगर परिषद में हुये भ्रष्टाचार की जांच नहीं होगी तब तक कोई भी भाजपाई धरना स्थल से नहीं हटेगा। मजे की बात तो यह है कि भ्रष्टाचार के विरोध मेें उतरे भाजपा पार्षदों के साथ नगर परिषद मऊगंज की पूर्व अध्यक्ष चंद्रप्रभा गुप्ता एवं राजेश चंद्र पांडेय भी समर्थन पर उतर गई है। इनके साथ ही नपा में भाजपा से अध्यक्ष पद के उम्मीदवार रहे पार्षद बृजेश सोनी, पार्षद करूणा पटेल, पार्षद राजेश सर्राफ, पार्षद वीरती ताम्रकार, पार्षद बतलून निशा, पार्षद सरोज कोरी, पार्षद गायत्री मिश्रा, विधायक प्रतिनिधि बालकदास गुप्ता एवं हर्षित कोठवाल सहित कई लोग अनिश्चित कालीन धरने पर बैठ गये। 

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भ्रष्टाचार के विरोध में एक माह से शासन-प्रशासन से करते रहे पत्राचार, नहीं मिली राहत

धरने पर बैठे भाजपा पार्षदों ने बताया कि 9 माह के कार्यकाल में नगर परिषद क्षेत्र में विकास के नाम पर कोई काम नहीं हुआ। हुआ है तो केवल खरीद फरोख्त में कमीशन का खेल हुआ। हैंडपंप सहित अन्य खरीदे गये समानो का जो परीक्षण उपयंत्री से करवाना चाहिए उसका परीक्षण नपा के छोटे कर्मचारियों से करवाया जाता है। जिसके विरोध में जब उपयंत्री राजेश पटेल ने आवाज उठाई तो भ्रष्टाचार को दबाने उपयंत्री राजेश सिंह पटेल को मऊगंज से नईगढ़ी भेज दिया गया। इतना ही नहीं नगर परिषद मऊगंज के अंदर सीएमओ, अध्यक्ष और लेखापाल के सांठगांठ से हैंडपंप खनन, ट्रेक्टर खरीदी, बिजली खरीदी, स्वच्छता अभियान यहां तक की लंच के नाम पर लाखों रूपये का फर्जीवाड़ा किया गया है। जिसकी शिकायत नपा उपाध्यक्ष एंव भाजपा पार्षदों ने अपने विधायक से लेकर मुख्यमंत्री, कलेक्टर, संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन तक से की। धरने पर बैठे पार्षदों ने बताया कि शिकायतों को दौर बीते एक माह से चल रहा है। लेकिन न तो विधायक कुछ बोल रहे है और न ही प्रदेश में बैठी सरकार और जिले में बैठे प्रशानिक अधिकारी ही उनकी शिकायतों पर अमल कर रहे। शासन-प्रशासन को जगाने के लिए नपा उपाध्यक्ष के साथ ही समस्त भाजपा पार्षद अनिश्चित कालीन धरने पर बैठ गये।


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