रहिये अपडेट, ग्वालियर। ग्वालियर-चंबल संभाग में मिलावट के कारोबार पर हाईकोर्ट की युगल पीठ ने नाराजगी जताई है। कोर्ट ने संभाग के कलेक्टरों से दो टूक कहा है कि चुनाव ड्यूटी का हवाला देकर जनता के काम को भूल नहीं सकते। जनता का स्वास्थ्य भी जरूरी है। कोर्ट ने दो हफ्ते की मोहलत देते हुए कहा कि, दीपावली का त्योहार आ रहा है। इस दौरान जमीनी स्तर पर मिलावटखोरों के खिलाफ ठोस कार्रवाई दिखनी चाहिए। खंडपीठ के न्यायिक क्षेत्र के नौ कलेेक्टरों को रिपोर्ट पेश करने के लिए दो दिन की मोहलत दी है। अधीनस्थ अधिकारी को चुनाव की जिम्मेदारी भी सौंप देंगे। दो नवंबर को याचिका की सुनवाई होगी।
कोर्ट की इन दो टिप्पणियों से समझिए हालात
- कोर्ट में मुरैना के खाद्य सुरक्षा अधिकारी किरन सेंगर, भिंड के अवनीश गुप्ता, शिवपुरी के आशुतोष मिश्रा, गुना के लखनलाल मौजूद थे। कोर्ट ने इनसे कहा कि आप सिर्फ सैंपल लेने तक ही सीमित हो। कार्रवाई में लापरवाही दिखी, तो कलेक्टरों को बुला भी सकते हैं।
- कोर्ट ने मुरैना और भिंड के खाद्य सुरक्षा अधिकारी को फटकार लगाते हुए कहा कि आप लोगों को शुद्ध खाना मिल जाता है, इसलिए आपका स्वास्थ्य अच्छा है, लेकिन जरा जनता की भी चिंता कर लो। इसके लिए आप लोगों को वेतन मिलता है।
यह है मामला
जानकारी के मुताबिक उमेश कुमार बोहरे ने हाईकोर्ट में ग्वालियर चंबल संभाग में मिलावट के कारोबार को लेकर याचिका दायर की थी। कोर्ट ने इस संबंध में दिशा-निर्देश दिए थे, लेकिन मुख्य सचिव ने कुछ नहीं किया। इसलिए अवमानना याचिका दायर की। कोर्ट ने अतिरिक्त महाधिवक्ता एमपीएस रघुवंशी से कहा कि कलेक्टरों को कोर्ट के आदेशों की अहमियत को समझा दें। चुनाव का हवाला देकर जनता के काम नहीं भूलने हैं। दो दिन का समय दे रहे हैं। जमीन स्तर पर कार्रवाई दिखनी चाहिए। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि कार्रवाई नहीं दिखी, तो कलेक्टरों को इस काम में लगा देंगे। दो नवंबर को याचिका की फिर से सुनवाई होगी।
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