रहिये अपडेट, नई दिल्ली। लोकसभा की आवास समिति ने भाजपा के आठ सांसदों को आवास खाली करने का नोटिस दिया है। नियमों के मुताबिक इन्हें आवास खाली करने के लिए 30 दिन का समय दिया गया है। दरअसल मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में विधायक निर्वाचित होने के बाद संसद पद से इस्तीफा देने वाले भाजपा सांसदों को दिल्ली के उनके सरकारी आवासों को खाली करने ले किये नोटिस दिया गया है। भाजपा सांसद सी. आर. पाटिल की अध्यक्षता वाली लोक सभा की आवास समिति ने पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल और पूर्व केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह सहित अन्य सांसदों के इस्तीफे के बाद नियमानुसार दिल्ली के सरकारी घरों को खाली करने के लिए कहा गया है।
राष्ट्रपति ने स्वीकार किया इस्तीफा
जानकारी के मुताबिक लोकसभा की आवास समिति के मियमानुसार इन्हें सरकारी आवासों को 30 दिन के अंदर खाली करने का नोटिस दिया है। इस सूची में तीनों पूर्व केंद्रीय मंत्रियों के साथ ही संसद सदस्यता से इस्तीफा देने वाले राव उदय प्रताप, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, राकेश सिंह, रीति पाठक, दीया कुमारी, महंत बालकनाथ, अरुण साव और गोमती साय शामिल हैं। बतादें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार देर रात केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल और रेणुका सिंह का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। साथ ही राष्ट्रपति ने जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा को कृषि मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंप है।
आवंटन के नियम
बतादें कि राजधानी दिल्ली के लुटियन जोन में सांसदों, केंद्रीय मंत्रियों, राज्य मंत्रियों को बंगले अलॉट किए जाते हैं। इन्हे टाइप 6 से टाइप 8 तक के सरकारी बंगले आवंटित किए जाते हैं। सांसदों को उनकी वरिष्ठता के आधार पर अलग-अलग प्रकार के बंगले आवंटित होते हैं। नियमों के मुताबिक यदि कोई सांसद इस्तीफा देते हैं तो उन्हें बंगला खाली करना होता है। इसके लिए उन्हें 30 दिन का समय दिया जाता है। हालांकि 30 दिन के बाद भी कुछ समय तक वह बंगले में रह सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें बाजार मूल्य की दर से किराए चुकाना पड़ता है।
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