रहिये अपडेट, रीवा। मध्यप्रदेश के रीवा जिले में आये दिन रिश्वतखोरी के मामले सामने आ रहे हैं। प्राचार्यों के बाद लोकायुक्त पुलिस ने मनगवां एसडीएम कार्यालय में रिश्वत लेते हुये कानूनगो को रंगेहाथ पकड़ा है। उसके पास से रिश्वत के पांच हजार रुपए भी जब्त किए गए हैं। आरोपी द्वारा यह राशि पटवारी से उसका तबादला कराने के बदले ली गई थी। जिसके लिये वह कई दिनों से परेशान कर रहा था। पिपराव हल्का के पटवारी रामबहोर कोल निवासी गोरगी गुढ़ ने लोकायुक्त एसपी से शिकायत की थी। जिसमें उन्होंने कहा कि पिपरांव हल्का से स्थानांतरण के लिए एसडीएम कार्यालय मनगवां में आवेदन दिया था। जहां से आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो एसडीएम कार्यालय में पदस्थ आफिस कानूनगो विनोद प्रसाद द्विवेदी ने रिश्वत की मांग कर डाली। लोकायुक्त एसपी ने शिकायत का सत्यापन कराने के पश्चात डीएसपी प्रवीण सिंह के नेतृत्व में एक टीम भेजी। मनगवां में एसडीएम कार्यालय में ही पटवारी से कानूनगो ने पांच हजार रुपए की रिश्वत ली। जैसे ही रुपए लिए, पीछे से लोकायुक्त की टीम पहुंची और आरोपी को धर दबोचा। कार्रवाई की औपचारिकताएं देर शाम तक चलती रही।
दूसरी किस्त लेते हुये पकड़ा गया
बताया गया है कि आरोपी कानूनगो पटवारी रामबहोर कोल का पिपरांव हल्का से तबादला कराने के बदले दस हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। जिसकी पहली किस्त के रूप में वह दो हजार रुपए पहले ही ले चुका था। शेष राशि के लिए दबाव बना रहा था। जिसकी शिकायत लोकायुक्त एसपी तक पहुंची और कार्रवाई के लिए अधिकारियों को भेजा गया। जहां पर दूसरी किस्त पांच हजार रुपए की लेते समय रंगे हाथ पकड़ा गया।
सप्ताहभर में लोकायुक्त की चौथी कार्रवाई
सप्ताह भर के भीतर जिले में लोकायुक्त पुलिस ने चौथी कार्रवाई की है। एक दिन पहले ही डभौरा में पुरैना के प्रभारी प्राचार्य को शिक्षक से रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था। इसके पूर्व सात दिसंबर को एक दिन में दो कार्रवाई हुई थी। जिसमें एक शहडोल जिले के जयसिंह नगर जनपद के पसोड़ पंचायत के सरपंच के साथ ही केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक दो के प्राचार्य को रिश्वत लेते हुए पकड़ा जा चुका है।
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