MP Politics: भाजपा का किला ध्वस्त करने मनगवां विधानसभा में कांग्रेस से रामशरण ने ठोकी दावेदारी, जानिए अन्य नेताओं का मिज़ाज

Monday, 23 January 2023

/ by BM Dwivedi

भाजपा ने  चार पंचवर्षीय में अपनी जड़े विधानसभा क्षेत्र में कर ली मजबूत

मध्यप्रदेश के रीवा जिले के मनगवां विधानसभा से भाजपा का किला ध्वस्त करना आसान नहीं है। चार पंचवर्षीय में भाजपा ने अपनी जड़े विधानसभा क्षेत्र में मजबूत कर ली है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कांग्रेस से चुनाव मैदान में उतरे स्व. श्रीयुत से लेकर बबिता साकेत, त्रिवेणी मैत्रेय जैसे दिग्गजों को मुंह की खानी पड़ी। वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस परिवर्तन का नारा लगाते हुये चुनाव मैदान में उतर रही है। और प्रदेश में परिवर्तन लाने के लिए कांग्रेस पार्टी उन्ही को चुनाव मैदान में उतारेगी जो जीत हासिल कर पार्टी का परचम लहरा सके। मनगवां विधानसभा से कांग्रेस से टिकट लेने के लिए कई दिग्गज अपनी भुजा दिखा रहे हैं। उन्ही में एक रामशरण कोरी का नाम आलोक में आया है। जो मनगवां विधानसभा अंतर्गत  गंगेव ब्लाक के छिउला जोडौरी गांव के रहने वाले है। बताया जाता है कि रामशरण कोरी की राजनैतिक शुरूआत कांगे्रस से ही हुई जो आज भी पार्टी में एक वफादार सिपाही की तरह काम कर रहे हैं। भारत जोड़ो यात्रा हो या फिर गांधी चौपाल इनमें मुख्य किरदार की भूमिका निभा रहे हैं। राजनैतिक सूत्र बताते है कि रामशरण कोरी ने मनगवां विधानसभा से टिकट लेने के लिए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व सीएम कमलनाथ को अपने 15 वर्र्षो की तस्पया की कुंडली भेजी है। रामशरण कोरी की राजनैतिक कुंडली में जो ग्रह दशा निकल कर सामने आ रहे है उसे देख ऐसा लगता है कि आने वाले 2023 के विधानसभा चुनाव में मनगवां विधानसभा में भाजपा का किला ध्वस्त हो सकता है और वर्षो बाद वहां कांग्रेस का फिर से परचम लहरा सकता है।

इसे भी दखें : एसपी का खौफ, जिले के टॉपटेन बदमाश न्यायालय में जाकर हुए शरणागत

दलबदलुओं पर कांग्रेस ने खेला था दांव, खाई शिकस्त

राजनीति भी अजीबो गरीब है एक बार जिसके सिर पर विधायक या सांसद का ताज बंध जाता है तो उसके दिल में ताजिंदगी विधायक या सांसद का ताज पहनने की लालसा जागृति रहती है। ताज पाने के लिए एक पार्टी से दूसरे पार्टी में बिन पेंदी के लोटे की तरह लुढ़ते रहते हैं। आश्चर्य की बात तो यह है कि पार्टी भी ऐसे ही लोगों को टिकट देती है जिनकी राजनैतिक कैरियर की शुरूआत किसी और पार्टी से होती है और अंत किसी और पार्टी से। वर्ष 2018 के विधानसभा में कांग्रेस ने यही किया बसपा का उजड़ता चमन देख रीवा के कई पूर्व विधायक की बगिया में जा उतरे और कांग्रेस ने अपनी पार्टी के वफादारों को दरकिनार कर दलबदलुओं को टिकट देकर मैदान में उतार दिया था। जैसे देवतालाब से विद्यावती पटेल और मनगवां से बबिता साकेत को। कांग्रेस के आकाओं ने जरुर दलबदुओं को अपनी पार्टी में स्थान दे दिया लेकिन मतदाताओं ने उनको अपने दिलों में स्थान नही दिया। वही वजह रही कि दलबदलू प्रत्याशी भाजपा को किला ध्वस्त करने में नाकाम रहे।

इसे भी देखें: महिला पटवारी को फोन पर अभद्रता और धमकी की एफआईआर दर्ज कराने भटकना पड़ा दर-ब-दर, जानिये पूरी घटना

विधानसभा अध्यक्ष ने पंचूलाल को सौंपी थी मनगवां की बागडोर

कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले मनगवां विधानसभा में स्व. श्रीयुत श्रीनिवास तिवारी को भाजपा के प्रत्याशी रहे गिरीश गौतम ने करारी शिकस्त देकर कमल का परचम लहराया था। मनगवां विधानसभा सीट आरक्षित होने पर भाजपा के विधायक गिरीश गौतम ने देवतालाब विधानसभा से लगातार विधायक बन रहे पंचूलाल प्रजापति को मनगवां विधानसभा की बागडोर सौंप दी। पंचूलाल को हराने के लिए कांग्रेस ने स्व. बृंदा प्रसाद, त्रिवेणी मैत्रेय और बीएसपी से आयातित बबिता साकेत को चुनाव मैदान में उतारा। लेकिन कोई भी दिग्गज मनगवां विधानसभा से भाजपा विधायक पंचूलाल प्रजापति का पांव नहीं उखाड़ पाये।

इसे भी देखें : Alumni Reunion: 30 साल बाद मिले दोस्तों से खुलकर की बातें, याद किये पुराने दिन

रामशरण कोरी पहले भी टिकट की ठोक चुके थे दावेदारी

बताया जाता है कि कांग्रेस के वफादार सिपाही रहे रामशरण कोरी को पार्टी ने कई जिम्मेदारी सौंपी। अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पद, संगठित मजदूर यूनियर में जिला महासचिव, किसान मजदूर संगठन में जिला संगठन मंत्री का दायित्व निभाते हुये सदस्यता जोड़ो अभियान, गरीब लड़कियों का सामूहिक विवाह करवाने जैसे जिम्मेदारी निभाई। इतना ही नहीं पार्टी द्वारा रामशरण कोरी को सतना जिले के रैगांव विधानसभा चुनाव में सह प्रभारी का भी दायित्व सौंपा था। लेकिन वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में रामशरण कोरी ने जब मनगवां विधानसभा क्षेत्र से अपनी उम्मीदवारी का दावा पेश किया तो पार्टी के कद्दावर नेताओं रामशरण के दावे को दरकिनार कर बसपा को छोड़ कर आई पूर्व विधायक बबिता साकेत को मनगवां विधानसभा चुनाव मैदान में उतार दिया था जिसे जनता ने सिरे से नकार दिया।

इसे भी देखें : Women's cricket: फाइनल मैच में सीधी को 9 विकेट से पराजित कर रीवा बना विजेता

कांग्रेस में शीला के आने की मिल रही आहट

प्रदेश सहित रीवा में बहुजन समाज पार्टी का अस्तिव लगभग टूटता नजर आ रहा है। जो कभी राजनीति के मैदान में  दूसरे स्थान पर रहा करती थी वह अब तीसरे स्थान पर जा पहुंची। बसपा को छोड़ कर नेता दूसरी पार्टियों का दामन थाम रहे हैं। मृगेंद्र सिंह, बबिता साकेत, विद्यावती पटेल जैसे अन्य नेता इस बात के उदाहरण है। अब राजनीति के गलियारे में एक नई हलचल सुनाई दे रही है। इस बात को लेकर चर्चा है कि जिला पंचायत का चुनाव हारने के बाद बसपा से मनगवां विधानसभा की पूर्व विधायक शीला त्यागी अब कांग्रेस में सदस्यता लेकर मनगवां विधानसभा से टिकट की दावेदारी पेश करेंगी। यदि ऐसा होता है तो आने वाले चुनाव में मनगवां विधानसभा के मतदाता दलबदलू प्रत्याशी को अपना विधायक चुनती है या फिर बबिता साकेत की तरह शीला त्यागी को भी भाजपा विधायक के सामने हार का सामना करना पड़ेगा। 

No comments

Post a Comment

Don't Miss
©|Rahiye Update| All Rights Reserved