रींवा। वर्ष 2023-24 के नीलामी प्रक्रिया में गांजा और कोरेक्स के कई तस्करों ने भाग लिया। ऐसा नहीं कि इस बात की जानकारी आबकारी विभाग को नहीं लगी। उसके बावजूद भी जिले की शराब दुकानों को नीलामी में हासिल करने वाले शराब ठेकेदारों के लाईसेंस पर कोई प्रतिबंध नही लगाया और दुकानों की कमान उनके हाथों में सौंप दी। आबकारी अमला को झटका उस वक्त लगा जब मा. न्यायालय ने गांजा तस्करी के आरोप में चाकघाट शराब दुकान समूह के ठेकेदार सत्येंद्र साकेत उर्फ पिंटू को दोषी पाते हुए 5 वर्ष की सजा सुनाते हुये 25 हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित कर दिया। मंगलवार को द्वितिय सत्र एंव विशेष न्यायालय एनडीपीएस के मा. न्यायाधीश विक्रम सिंह सत्येंद्र साकेत उर्फ पिंटू एवं उसके सहयोगी खिलाड़ी साकेत को गांजा तस्करी का आरोपी ठहराते हुये 10-10 वर्ष की सजा सुनाई है। शासन की ओर से पैरवी लोक अभियोजक नीलग्रीव पांडेय ने की। गांजा तस्करों के ऊपर मऊगंज थाना में अपराध क्रमांक 230/2014 में धारा 8, 20 बी एनडीपीएस एक्ट का अपराध पंजीबद्ध किया गया था। जिसमें दोनो पक्षों की सुनवाई उपरांत मा. न्यायालय ने आरोपियों को दोषी पाते हुये कठोर सजा सुना दी। बताया जाता है कि मऊगंज के तत्कालीन पुलिस अधिकारियों ने आरोपियों के घर से तलासी के दौरान भारी मात्रा में गांजा बरामद किया था।
चाकघाट शराब दुकान का लाईसेंसी बन कर गिरोह को किया था शामिल
वर्ष 2023-24 के शराब दुकानों की नीलामी प्रक्रिया में भाग लेकर चाकघाट शराब दुकान समूह का लाईसेंसी बन गया था। शासन द्वारा निर्धारित लगभग 5 करोड़ रूपये से ऊपर की दुकानों को तस्कर ने माइनस पर महज 4 करोड़ 81 लाख रूपये में ले लिया था। इतना नही सूत्रों की मानें तो इस शराब दुकान समूह में पर्दे के पीछे अपने गांजा तस्करी गिरोह के शातिर आरोपी विनोद जायसवाल सहित बलिया के एक तिवारी को शामिल किया था। सूत्रों की माने तो उसका उद्देश्य शराब दुकान की आड़ में पुलिस और आबकारी विभाग से हाथ मिला कर यूपी से नशीली कफ सिरफ की खेप लाने की मंशा थी। इसके साथ ही छग से गांजा की खेप लाकर चाकघाट के शहर एवं ग्रामीण अंचल के साथ ही यूपी तक सप्लाई करने की थी।
भाई के पास पहुंचा सलाखों के पीछे
मा. न्यायालय से सजा मिलने पर मौके पर उपस्थित पुलिस ने आरोपी सत्येंद्र साकेत निवासी बहेरी थाना लौर को सलाखों के पीछे कर दिया। जहां उसका बड़ा भाई ददोली साकेत पहले से ही एनडीपीएस के आरोप में जेल सलाखों के पीछे कैद है। बताते चले कि चाकघाट शराब दुकान समूह के ठेकेदार सत्येंद्र साकेत उर्फ पिंटू पर कई एनडीपीएस एक्ट के अपराध जिले के विभिन्न थानों में दर्ज थे। उसके बड़े भाई ददोली साकेत निवासी बहेरी थाना लौर पर तस्करी के कई अपराध दर्ज है। यहां तक की पुलिस ने दोनो भाईयो द्वारा बनाये गये अवैध कारोबार की कमाई से बनाये गए घर को भी धराशाई कर दिया है।
और ठेकेदारों की कुंडली खंगालने की है जरुरत
चाकघाट शराब दुकान समूह को ठेकेदार सत्येंद्र साकेत को तो गांजा तस्करी में सजा मिल गई। लेकिन जिले में कई ऐसे समूह है जिनके लाईसेंसी अपने साथ गांजा एंव कोरेक्स तस्करों को शामिल कर रखे है। यहां तक की हत्या के साथ तस्करी तक के आरोपी शराब दुकान में पार्टनर बने हुये है। जिनकी कुंडली आबकारी विभाग के साथ पुलिस को भी खंगालने की जरुरत है।
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