Rewa News : मिनर्वा हॉस्पिटल में मरीज के परिजनों ने किया हंगामा, घायल को लिटा दिया मृत्युशैया पर, जानिए पूरा मामला

Tuesday, 18 April 2023

/ by BM Dwivedi

वीरेंद्र सिंह सेंगर बबली 
रीवा। डॉक्टरों को धरती का भगवान कहा जाता है। लेकिन जो कृत्य निकल कर सामने आते है उससे यह कहना भी गलत न होगा कि आज के डॉक्टर भगवान नहीं सौदागर हो चुके हैं। सौदागर भी ऐसे के पैसों की लालच में मरीज को मौत के मुहाने में रख अपने हाथ खड़े कर देते है। जब तक मरीज के परिजनों के पास पैसा दिखा तब तक लाश को भी वेंटीलेटर में डाल कर आर्थिक शोषण करते है और जैसे ही पैसे खत्म हुये तो सरकारी अस्पताल का रास्ता दिखा देते है। सूत्र बताते है कि ऐसे निजी अस्पतालों में सफेदपोश नेता-मंत्री सहित उनके निज सचिवों तक के पैसे लगे होते हैं । जिनकी छत्रछाया में नर्सिंगहोम बनाम मौतगाह संचालित हैं। जिन पर प्रशानिक अधिकारी भी हाथ डालने से दूर भागते हैं। बीते दो माह से रीवा शहर मेँ पुराने बस स्टैंड के पास खन्ना पेट्रोल पंप के सिर पर संचालित मिनर्वा हॉस्पिटल सुर्खियों पर चल रहा है। जहां आये दिन मरीजों की मौत और आर्थिक शोषण को लेकर विवाद की स्थिति बनती है। एक मासूम की मौत के बाद बीती रात जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे मरीज को लेकर मिनर्वा हॉस्पिटल में फिर से हंगामा हो गया। मरीज के परिजनों ने मिनर्वा हॉस्पिटल को लूट का अड्डा होने का आरोप लगाया। हंगामा जब बेकाबू होने लगा तो मौके पर पुलिस पहुंची। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद हंगामा तो शांत हो गया। लेकिन अपने पीछे कई सवाल छोड़ गया। क्या ऐसे अस्पताल संचालकों के विरुद्ध कार्रवाई होगी? इनके पीछे आखिर किस राजनैतिक दल या उनके सचिव का साया है जो एक तो मरीजों को मौत के मुहाने में ढकेल रहे और उस पर मरीज के परिजनों का आर्थिक शोषण कर रहे।
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5 लाख रुपये जमा कर घायल को लिटा दिया मृत्युशैया पर

सतना जिले के माधोपुर निवासी सागर चिकवा सड़क हादसे में घायल हो गया। जिसे उपचार के लिए सतना अस्पताल ले गये। वहां से डॉक्टरों ने रीवा संजय गांधी अस्पताल के लिए रेफर कर दिया था। घटना 13 अप्रैल की बताई गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि घायल को लाने वाला एम्बुलेंस मिनर्वा हॉस्पिटल का दलाल था जो बेहतर उपचार का झांसा देकर घायल के परिजनों को बरगला कर मिनर्वा हॉस्पिटल ले गया। जहां डॉक्टरो ने उपचार के पहले ही परिजनों से 5 लाख रूपये जमा करवा लिये। परिजनों का आरोप है कि घायल के ऑपरेशन में खून के नाम से मोटी रकम जमा करवाई और सात यूनिट खून चढ़वाया। उसके बावजूद भी मरीज की हालत में सुधार नही हुआ और उसे मौत के मुहाने पर रख दिया। परिजनों का आरोप है कि मरीज के इलाज के लिए उन्होंने अपना घर तक गिरवी रख दिया। लेकिन यहां के डॉक्टर मरीज को ठीक करने के बजाय मृत्युशैया पर लिटा दिया।
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नाजुक हालत में मरीज को लेकर एसजीएमएच

पुलिस के पहुंचने पर मामला जरुर शांत हो गया। लेकिन मरीज जिंदगी और मौत के बीच जूझता रहा। परिजन इस कशमकस में थे कि मरीज को आखिर लेकर जाये तो जाये कहां। क्योंकि मरीज वेंटीलेटर पर पड़ा हुआ था और बताते हैं कि मिनर्वा हॉस्पिटल के डॉक्टर घायल को उपचार करने लिये तैयार नहीं थे। सोमवार की रात ही परिजनों ने एम्बुलेंस के माध्यम से घायल को उपचार करवाने के लिए एसजीएमएच ले गये।
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क्या कहते है मिनर्वा हॉस्पिटल के संचालक

घटना के संबंध में जब मिनर्वा हॉस्पिटल के संचालक डॉ. धर्मेश पटेल से जानकारी चाही तो उन्होंने बताया कि एक्सीडेंट में घायल मरीज के ब्रेन का ऑपरेशन किया गया। जिसमें उसका बिल लगभग 2 लाख 70 हजार रूपये के आसपास बना है। परिजन महज 65 हजार रुपये जमा किये थे। शेष पैसे मांगे जाने पर मरीज के परिजनों ने हंगामा खड़ा कर दिया। मौके पर पुलिस के आने पर मरीज के उपचार में आये खर्च का बिल दिखाया गया है।

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