वीरेन्द्र सिंह सेंगर, बबली
रीवा.मऊगंज कस्बे के वार्ड क्रमांक 8 सुंदरपुरवा निवासी मनीष कचेर पिता रामलाल कचेर 37 वर्ष को गोली मार दी गई। पिस्टल से निकली गोली मनीष के सीने की नीचे जा धंसी। गोली मारने वाला युवक विवाहित स्त्री के प्रेमजाल में फंस कर मिलने गया हुआ था। जिसे मकान मालिक सहित अन्य किरायादारों ने घेर लिया। घेराबंदी से बच कर भागने के लिए युवक ने पिस्टल से कई फायर किये जिसमें एक गोली मकान मालिक को लगी। जिसे गंभीर हालत में उपचार के लिए एसजीएमएच लाया गया है। वहीं दूसरी ओर पुलिस महिला को हिरासत में ले ली और गोली चलाने वाले आरोपी की तलाश में जुट गई है। घटना सोमवार-मंगलवार के दरम्यानी रात लगभग ढ़ाई बजे की है। पुलिस ने हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया है। साथ ही आरोपी अमित उर्फ विकास गुप्ता निवासी पीके स्कूल के पास थाना समान की तलाश में पुलिस सरगरमी से लग गई है।
एक माह से रह रही थी किराये के मकान में
मऊगंज के नंदनपुरवा निवासी अनिल तिवारी एक माह पूर्व सुंदरपुरवा निवासी मनीष कचेर के मकान मेें किराये से रहने आया हुआ था। पत्नी और दो साल की बच्ची को छोड़ कर वह कमाने निकल गया। पति की गैरमौजूदगी में महिला का यार आना शुरु कर दिया। रोज रात आता और सुबह होने पर निकल जाता। कभी-कभी तो दिन भर महिला के कमरे में घुसा रहता। जिससे आसपास रहने वाले किरायादारों में गलत असर पड़ रहा था। इस बात की शिकायत अन्य किरायादारों ने अपने मकान मालिक से की थी। सोमवार-मंगलवार के दरम्यानी रात लगभग दो बजे युवक महिला से मिलने आया। जिसकी सूचना किरायादारो ने अपने मकान मालिक को देते हुये युवक को घेर लिया। अपने को घिरा देख अमित गुप्ता ने पिस्टल से फायर करना शुरु कर दिया। जिससे एक गोली मकान मालिक को लगी।
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दलित समाज की महिला से ट्रक चालक ने रचाई थी शादी
अनिल कुमार तिवारी ने बताया कि वह नंदनपुरवा का रहने वाला है और पेशे से ट्रक चालक है। जो हैदराबाद के मोटर मालिक के यहा ट्रक ड्राईवरी करता है। अनिल ने बताया कि उसका मऊगंज के नरैनी गांव की रहने वाली युवती से संबंध हो गया था। 2019 में उसने आदिवासी युवती से शादी कर उसे अंजली तिवारी का स्थान दिया। लेकिन उसने भरोसे दगा कर अन्य युवक के अवैध संबंध बना लिये। जिसकी मुझे जानकारी नहीं थी। जानकारी उस वक्त लगी जब मऊगंज से मकान मालिक के भाई सहित पुलिस के फोन आने शुरु हुये।
एसजीएमएच में ईलाज के लिए मोहताज घायल
गोली चलने की घटना रात लगभग ढ़ाई बजे की है। घायल मनीष कचेर को मऊगंज से उपचार के लिए सुबह 4 बजे एसजीएमएच ले आया गया। सुबह 4 बजे से खबर लिखे जाने तक शाम 7 बजे तक युवक के पेट में धसी गोली नहीं निकाली गई। गोली निकालने की तो बात दूर कोई डॉक्टर भी घायल को देखने नहीं पहुंचा। दूसरी मंजिल के आईसीयू में तैनात जूनियर डॉक्टर जांच पर जांच करवाते हुए समय काट रहे हैं। इस बीच न को कमिश्नर, कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने घायल की सुध ली। अस्पताल की बागडोर यदि जिम्मेदार डाक्टरों के हाथों होती तो शायद संजयगांधी अस्पताल को रेफर अस्पताल या मौतगाह न कहा जाता।
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