रहिये अपडेट, हेल्थ डेस्क। फिजा में ठंड बढ़ने के साथ ही मौसमी बीमारियां भी सामने आ रही हैं। इनदिनों निमोनिया से पीड़ितों की संख्या संख्या बढ़ी है। इसका सबसे ज्यादा शिकार बच्चे हो रहे हैं। गांधी स्मारक अस्पताल रीवा की बात करें तो यहां हर दिन करीब आधा सैकड़ा की संख्या में निमोनिया के लक्षण वाले बच्चे आ रहे हैं। इसमें कुछ तो ओपीडी में ही प्राथमिक उपचार के बाद वापस कर दिया जाता हैं, लेकिन जो गंभीर होते हैं उन्हें भर्ती भी किया जा रहा है। बच्चों में बढ़ते निमोनिया के लक्षण के चलते शासन की ओर से भी अलर्ट जारी किया गया है। हर बच्चे की जांच गंभीरता से की जा रही है।
कोरोना की तर्ज पर की जायेगी जांच
वहीं चायनीज इंफ्लुएंजा की आशंका को लेकर भी स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर श्यामशाह मेडिकल कालेज रीवा सहित प्रदेश के अन्य स्वास्थ्य संथानों में प्रबंधन तैयारी में जुटा है। मेडिकल कालेज रीवा के डीन मनोज इंदुरकर के मुताबिक चिकित्सकों से कहा है कि यदि उन्हें ऐसा लगे कि मरीजों की जांच कोरोना की तर्ज पर आरटीपीसीआर से कराई जाना चाहिए तो वह लिखें। वायरोलॉजी लैब में जांच की व्यवस्था करने के लिए भी कहा गया है।
स्वास्थ्य विभाग ने किया अलर्ट
चिकित्सकों के मुताबिक चाइनीज इंफ्लुएंजा के लिए इंफ्लुएंजा, माइकोप्लाज्मा निमोनिया और सार्स कोव 2 जैसे वायरस जिम्मेदार हैं। ठंड बढ़ने के साथ ही शहर से लेकर गांव तक इनदिनों निमोनिया के मरीज बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने सप्ताह भर पहले ही सतर्क रहने को कहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशा निदेर्शो में कहा गया है कि इस मौसम में इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी और सांस की बीमारियां बढ़ती हैं। ऐसे में इनको करीब से मॉनिटर करना जरूरी है। इसके अलावा फ्लू के लिए दवाएं और टीके, मेडिकल ऑक्सीजन, एंटीबायोटिक दवाइयां, उपकरण, टेस्टिंग किट एवं रिएजेंट, ऑक्सीजन प्लांट और वेंटिलेटर की स्थिति की रिपोर्ट भी मांगी गई है। ताकि चायनीज इंफ्लुएंजा का असर होने पर पर्याप्त इंतजाम पहले से किए जा सकें।
फेफड़े पर पड़ सकता है प्रभाव
चिकित्सकों के मुताबिक निमोनिया की वजह से मरीज के फेफड़े पर सीधा प्रभाव पड़ता है। कोरोना के दौरान भी सर्दी-जुकाम से ही लक्षण शुरू होते थे। इस कारण अब कहा गया है कि सर्दी, बुखार, जुकाम, फेफड़ों में जलन जैसे मामलों में कोरोना जैसी निगरानी की जाएगी। हर संदिग्ध मरीज का आरटीपीसीआर टेस्ट कराने के निर्देेश दिए गए हैं। जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भोपाल सेंपल भेजे जाने की तैयारी है। रीवा में अभी इसकी सुविधा नहीं है।
इन लक्षणों के होने पर कराएं जांच
- खांसी बलगम के साथ
- खांसी का दर्द
- उल्टी या दस्त
- भूख में कमी
- थकान
- बुखार
- सांस लेने में तकलीफ
निमोनिया से बचने के उपाय
निमोनिया से बचाव के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लेकर उपयुक्त टीका लगवाएं। स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। अपने हाथों को बार-बार धोएं। खाँसते या छींकते समय अपना मुँह और नाक ढक लें। बीमार लोगों के संपर्क से बचें। धूम्रपान आपके फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं, इससे बचें। स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं जैसे कि पर्याप्त नींद लें, संतुलित आहार लें, नियमित व्यायाम करें और तनाव से बचें। इम्युनिटी को बढ़कर निमोनिया के जोखिम को कम किया जा सकता है।
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